۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
मीसम

हौज़ा/हौज़ाये इल्मिया क़ुम के मशहूर विद्वान ने कहां कि आज अगर मरजईत और उलेमाये दीन को टारगेट बनाया जा रहा हैं तो इसकी वजह दुश्मन का निराश होना है,असल में ये इस्लाम की ताकत और कुवत का राज़ हैं जिसको दुश्मन जान चुका हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ाये इल्मिया क़ुम के मशहूर विद्वान हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन ने अपने एक बयान में कहा,कि दीन का असली स्रोत कुराने पाक और सुन्नते नवी हैं।जबकी आवसीया नवी यानी अहले बैत अ.स.इस सिलसिले कि कड़ी हैं जोकि दीन ए इस्लाम के मुहाफिज़ हैं।


उन्होंने कहा कि अगर कोई यह बात कहे की उम्मत की हिदायत के लिए सिर्फ कुरआन ही काफी है तो यह बात खुद कुरान की शिक्षाओं के खिलाफ हैं। क्योंकि कुरआन में अल्लाह की आज्ञा के साथ-साथ रसूल अल्लाह की आज्ञा और उनके वसी कि आज्ञा अनिवार्य करार दिया हैं।


डॉक्टर मीसम हमदानी का कहना था कि आज के दौर में जो ताकतें महान अधिकारियों और धार्मिक विद्वानों के खिलाफ साजिश कर रही हैं, वे वास्तव में वह दुश्मन के काम को पूरा कर रही हैं, उनको यह पता होना चाहिए कि आज अगर मरजईत और उलेमाये दीन को टारगेट बनाया जा रहा हैं तो इसकी वजह दुश्मन का निराश होना है,असल में ये इस्लाम की ताकत और कुवत का राज़ हैं जिसको दुश्मन जान चुका हैं।


अंत में उन्होंने कहा कि अगर दीन को मानने और समझने के लिए ओलेमा की तरफ ना जाया जाए तो क्या बे दीन और जाहिल की तरफ रूख किया जाए?

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