۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
آیت اللہ

हौज़ा/आज यह कहना और लिखना काफी है हालांकि यह आवश्यक है कि सभी उलेमा और मुसलमान इस्लाम की रक्षा के लिए क्षेत्र में आगे आएं।अफगानिस्तान और यमन में लोगों के नरसंहार एक मामूली घटना नहीं है। हमारी जिम्मेदारी इन घटनाओं से कहीं ज़्यादा गंभीर है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आयतुल्लाह नूरी हमदानी आज सुबह हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैय्यद रियाज़ हकीम से मुलाकात के दौरान बात करते हुए कहा:लोगों को अत्याचार की खबर को दूसरे तक पहुंचाने के बारे में उलेमा की क्या राय है, एक किस तरह जिहाद करते हैं , और इस्लाम की रक्षा में ज़ालिमों के मुकाबले में किस तरह डट जाते हैं।

उन्होंने दीने इस्लाम की हिफाज़त और इसकी तबलीग की कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहा:इस्लाम विरोधी दल इस्लाम विरोधी है पर इस्लाम की हर युग में इसका स्वरूप बदलता रहा है।हमें लोगों को इस्लाम के संरक्षण में विद्वानों के उत्साह को सूचित करना होगा।
आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने आगे कहा कि जो मुश्किलात हकीम परिवार ने सद्दाम के दौर में देखा है शायद दूसरे परिवार में ऐसा दिन ना देखा हो उनके कारनामे की जितनी सराहना की जाए कम है, उन्होंने हर एक बार से दीन की खिदमत की है,
उन्होंने इस्लाम के लिए बहुत कुर्बानियां पेश की है और बहुत से लोग शहीद हुए हैं,
आयतुल्ला ने दुनिया के और चारों तरफ से मुसलमानों पर हो रहे जुल्म के बारे में बात करते हुए कहा कि इस्लाम के दुश्मन हर तरफ मौजूद है चेहरा बदल बदल कर इस्लाम पर ज़ुल्म कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि फिलीस्तीन, अफगानिस्तान, बहरीन और यमन में आज क्या हो रहा है?
अंत में हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने कहां:आज यह कहना और लिखना काफी है हालांकि यह आवश्यक है कि सभी उलेमा और मुसलमान इस्लाम की रक्षा के लिए क्षेत्र में आगे आएं।अफगानिस्तान और यमन में लोगों के नरसंहार एक मामूली घटना नहीं है। हमारी जिम्मेदारी इन घटनाओं से कहीं ज़्यादा गंभीर है।

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