۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
وحیدی

हौज़ा/बुराइयों के अंत के लिए कुरान को पहचानना और धर्म का पहचानना अनिवार्य है। समाज से बुराई खत्म नहीं हो सकती जब तक इसको ना पहचाना जाए कमज़ोर और मज़लुम की मददगार कुरान और दीन ए इलाही है। अपने धर्म और विचारधारा की रक्षा करने वाले राष्ट्र हि सफल होते हैं। मनुष्य को मनुष्य बनने के लिए कुरान और इस्लाम का समझना बहुत ज़रूरी है। दुनिया में जुल्म और आतंकवाद दीन से दूर होने का नतीज़ा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , समाज से बुराइयों के अंत के लिए कुरान को पहचानना और धर्म का पहचानना अनिवार्य है।
समाज से बुराई खत्म नहीं हो सकती जब तक इसको ना पहचाना जाए कमज़ोर और मज़लुम की मददगार कुरान और दीन ए इलाही है।
अपने धर्म और विचारधारा की रक्षा करने वाले राष्ट्र हि सफल होते हैं। मनुष्य को मनुष्य बनने के लिए कुरान और इस्लाम का समझना बहुत ज़रूरी है।
दुनिया में जुल्म और आतंकवाद दीन से दूर होने का नतीज़ा है।
आल्लामा असफाक वाहीदी ने इस बात को इज़हार करते हुए आगे कहा कि अलअसर सोसाइटी ऑफ ऑस्ट्रेलिया पूरी कोशिश कर रही है लोगों को दीन से आगाह करें


उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक शक्तियां स्वतंत्रता के नाम पर धर्म से दूर रहने के लिए देश के युवाओं को निवेश कर रही हैं,
ताकि समाज विकास और समृद्धि का जीवन नहीं जी सके और उनकी राजनीति चलता रहे।

अल्लामा ने आगे कहा कि हमें इन तमाम चैलेंज का मुकाबला करने के लिए लोगों का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है।
ताकी मज़लूम और कमजोर की मदद की जाए ताकि वह अपनी जिंदगी जी सकें इसके लिए कुरान और दीन ए इलाही सही रास्ता दिखाता है।
इमाम जुमाआ मेलबर्न, ने इस बात की ओर इशारा करते हुए कहा कि शासकों ने हमेशा अपने फायदे के लिए और कुर्सी पाने के लिए राजनीति बनायी है,लोगों की सेवा और उनके अधिकारों की हमेशा अनदेखी की जाती रही है जिसके कारण बेरोजगारी और महंगाई और आर्थिक संकट में वृद्धि हुई हैं।

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