बुधवार 20 अप्रैल 2022 - 11:14
माहें रमज़ानुल मुबारक के अठ्ठारहवें (18)दिन की दुआ

हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने रमज़ानुल मुबारक के अठ्ठारहवें दिन की दुआ यह बयान फ़रमाई हैं:

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने रमज़ानुल मुबारक के अठ्ठारहवें दिन की दुआ यह बयान फ़रमाई हैं:

اَللّهُمَّ نَبِّهني فيہ لِبَرَكاتِ أسحارِہ وَنوِّرْ فيہ قَلْبي بِضِياءِ أنوارِہ وَخُذْ بِكُلِّ أعْضائِي إلى اتِّباعِ آثارِہ بِنُورِكَ يا مُنَوِّرَ قُلُوبِ العارفينَ..

अल्लाह हुम्मा नब्बिहनी फ़ीहि ले बरकाति असहारिह, व नव्विर फ़ीहि क़ल्बी बे ज़ियाए अनवारिह, व ख़ुज़ बे कुल्ले आज़ाई इला इत्तिबाइ आसारिह, बे नूरिका या मुनव्विरा क़ुलूबिल आरिफ़ीन (अल बलदुल अमीन, पेज 220, इब्राहिम बिन अली)

ख़ुदाया! मुझे इस महीने की सहरियों की बरकतों से आगाह कर और मेरे क़ल्ब को इस के नूरों से नूरानी फ़रमा और मेरे तमाम जिस्म के आज़ाअ व जवारेह को इस की पैरवी पर मामूर कर दे, तेरे नूर के वास्ते से, ऐ आरिफ़ों के दिलों को मुनव्वर (नूरानी) करने वाले...

अल्लाह हुम्मा स्वल्ले अला मुहम्मद व आले मुहम्मद व अज्जील फ़रजहुम.

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