हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां, यूरोप देश हमेशा ज़ग की खोज में रहते हैं और सुख और शांति की कभी बात नहीं करता, इनका अपना एक एजेंडा हैं कि हमेशा लड़ते रहो या दूसरों में लड़ाते रहो यह ना तो कभी दुसरों के हित की बात करते हैं।
ना दूसरों को सुख और शांति से रहने देते हैं इन के एजेंडे को पहचानना विश्व की अहम जिम्मेदारियों में से एक हैं।
दो विश्व युद्ध यहीं से शुरू हुए और पूरी दुनिया उनकी चपेट में आई, करोड़ों इंसानी ज़िंदगियां ख़त्म हो गईं।
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