۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
مولانا سید مناظر حسین نقوی

हौज़ा/ आप के निधन से हौज़ाहाये इल्मिया नजफ अशरफ, क़ुम और पवित्र मशहद में भी गम का माहौल दिख रहा है, एक छात्र दूसरे छात्र से रो-रोकर ग़म की खबर सुना रहा है और यह कहता हुआ नज़र आ रहा है हाय उस्ताद ना रहें

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद बेदार हुसैन के निधन की खबर सुनकर मौलाना सैय्यद मनाज़िर हुसैन नक़वी जरनल सेक्रेटरी अल जवाद फाउंडेशन मशहद मुकद्दस
ईरान ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दिवंगत को हमेशा एक अच्छे शिक्षक, और संरक्षक के रूप में याद किया जाएगा।
शोक पत्र का पूरा पाठ इस प्रकार है;
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलाही राजउन
बहुत अफसोस नाक खबर हासिल हुई कि उस्ताद मोहतरम मौलाना सैय्यद बेदार हुसैन मरहूम एक खुशहाल और खुशफिक्र उस्ताद थें उनको हमेशा एक शिक्षक, शिक्षक और संरक्षक के रूप में याद किया जाएगा,
आप के निधन की खबर सुनकर हज़ारों शिक्षकों के दिल को गमगीन कर दिया और हर शिक्षक की जबान पर यही बात थी कि उस्ताद दुनिया में अब बाकी नहीं रहे, आप के निधन की खबर जामिये सुल्तानिया और सुल्तानुल मदरिस की हवाओं में एकगम बनके गूंज रही है।
हमारे दरमियान एक दयालु टीचर नहीं रहे, जो पिता से भी ज़्यादा मेहरबान उस्ताद थे,
अपके निधन कि खबर से हौज़ाहाये इल्मिया
नजफ अशरफ, क़ुम और पवित्र मशहद में भी गम का का माहौल दिख रहा है,एक छात्र दूसरे छात्र से रो-रोकर ग़म की खबर सुना रहा है और यह कहता हुआ नज़र आ रहा है हाय उस्ताद ना रहें
लखनऊ में शैक्षणिक माहौल उदास है हर मदरसे के शिक्षक उदास हैं।बस यही कलम रोकते है और आल्लाह तआला से दुआ करते है।कि उस्तादे मोहतरम को जवारे मासूमीन अ.स. मे जगह करार दे मरहूम के दरजात को बुलंद फरमाएं और उनके परिवार वालों को सुख और शांति दें।
शरिके ग़म
मौलाना सैय्यद मनाज़िर हुसैन नक़वी
जरनल सेक्रेटरी ऑल जवाद फाउंडेशन मशहद मुकद्दस
ईरान

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