۵ آذر ۱۴۰۳ |۲۳ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 25, 2024
जश्न अहलेबैत

हौज़ा/अंजुमन अलमदारे हुसैनी के तत्वावधान में जश्ने अहलेबैत अ.स. आयोजित हुई, जिसमें दीनी धर्मगुरुओं ने सम्बोधित किया तथा शायरो ने मौला की शान में कसीदें पढे़।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर अंजुमन अलमदारे हुसैनी के तत्वावधान में जश्ने अहलेबैत महफ़िल स्थान आले रज़ा पैलेस तिघरा, खुटहन में आयोजित हुई, जिसमें धर्म गुरुओं ने सम्बोधित किया तथा शायरो ने मौला की शान में कसीदें पढे़ जिससे उपस्थित श्रधालु कसीदें सुनकर मंत्रमुग्ध होते हुए रातभर जश्न में वाह वाह करते रहे।


क़ुरान की आयत से महफ़िल की शुरुआत हुई। संयोजक सैय्यद मोहसिन रजा अरशद ने आये हुए लोगों का स्वागत किया, अध्यक्षता मौलाना सैय्यद आबिद रज़ा ने किया, इस अवसर पर सभी गम्भीर बिमारियों से लोगो सुरक्षित रहने और देश मे खुशहाली के लिए दुआ भी कराई गई।


इस अवसर पर धर्म गुरु मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन ज़ैदी ने कहा कि मोहम्मद व आले मोहम्मद के बताये रास्ते पर हमे चलना चाहिए, तथा अपने रिश्तों को बेहतर बनाये और एक-दूसरे के लिए सुकून का सबब बने, अपने किरदार को बुलन्दी अता करें। धर्म गुरु मौलाना महफूजुल हसन खा ने शायरे अहलेबैत की तारीफ करते हुए कहा कि शायरो का बहुत महत्व है, शायर किसी बात को बहुत खुबसूरती से कुछ पंक्ति में व्यक्त करता है जो सुनने वालो के लिए मधुर व प्रेरणादायी होतें है।

इसके साथ ही शायरो में ख़ादिम शब्बीर नसीराबादी, मेराज मंग्लौरी, सागर बनारसी, ज़ाहिद जाफरी, अन्सर जलालपुरी, मशद जलालपुरी, रज़ा बिसवानी, शहनवाज़ आदि शायरो ने भी कसीदें पढ़े, संचालन डा नैय्यर जलालपुरी ने किया, अन्त में दिलशाद खान ने आभार व्यक्त किया, इस अवसर पर मौलाना समर रज़ा खान, मौलाना शौकत, अकबर खान, सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा, सैय्यद कुमैल, मोहम्मद, शाने हैदर, रईस, नज़र अली, शमशाद, मीसम नदीम, वकील हसन पप्पू, आज़ाद सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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