۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
बशवी

हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के हरम में हुसैनिया मशहदे रज़ा हिंन्दीहा में अंजुमने इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम हिंदुस्तान की ओर से एक जश्न का आयोजन किया गया,जिसमें हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन डॉ मोहम्मद याकूब बशवी साहब ने तकरीर करते हुए फरमाया कि इमाम के ज़ुहुर के लिए अपने चरित्र को दुरुस्त करना चाहिए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के हरम में हुसैनिया मशहदे रज़ा हिंन्दीहा में अंजुमने इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम हिंदुस्तान की ओर से एक जश्न का आयोजन किया गया,जिसमें हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन डॉ मोहम्मद याकूब बशवी साहब ने तकरीर करते हुए फरमाया कि इमाम के ज़ुहुर के लिए अपने चरित्र को दुरुस्त करना चाहिए इस जश्न में हिंदुस्तान और पाकिस्तान के शोआरा ने शेर पेश किए


इस जश्न को संबोधित करते हुए डॉ याकूब बशवी साहब ने कहा,इमाम ज़मान की वैश्विक सरकार का नक्शा, कुरआन शरीफ पेश करता है आपकी हुकूमत 3 मुख्य स्तंभ पर स्थापित होगी,और पूरी दुनिया के झूठे शासकों और असफल और पुरानी व्यवस्था को खत्म कर देंगे,

इस निज़ाम का पहला स्तंभ रहबरी हैं, जिस पर बहुत से कुरआनी श्लोकों का उल्लेख हुआ है।
जिस पर बहुत सारी कुरआन की आयतें दलालत करती हैं इस का सिलसिला 12 इमामों तक मिलता हैं। और कुरान की आयते विलायत आयते उलिल अम्र इत्यादि..
इसी तरह दूसरा अहम स्तंभ; निज़ामें हुकूमते विश्व हैं, और यह निज़ाम निज़ाम ए हुकूमत की शक्ल में मौजूद हैं, दावते ज़ुलअशिरा से लेकर गदीर तक पहचान कराई गई
तीसरा अहम स्तंभ; कौम का वजूद और जब तक कौम और तीसरा मुख्य स्तंभ है कौम का अस्तित्व और सरकार तब तक स्थापित नहीं हो सकेंगी जब तक कौम साज़ी ना हो जाए
क्योंकि इसमें तो प्रथम दो शर्तें थीं, इसलिए इस तीसरी शर्त के लिए एक शोधकर्ता के अभाव में ईश्वरीय विश्व-शासन स्थापित नहीं किया जा सका।
इसलिए कि उम्मते हिज़्बुल्लाह की तबीयत और मैदान में हुज़ूरी ज़रूरी है यहां पर हमारी सामूहिक और व्यक्तिगत ज़िम्मेदारियां हमारे सामने आती हैं, हमें इस महान सरकार को स्थापित करने के लिए दुनिया और राष्ट्रों को एकजुट करने की ज़रूरत हैं।
इसलिए हिंदुस्तान और पाकिस्तान के उलेमा और दीनी विद्यार्थी लोग एक बुनियादी भूमिका अदा कर सकेंगे तथा इस वैश्विक आंदोलन में शामिल हो सकेंगे।
अंत में इस महान समारोह के सफल आयोजन में डॉ. याकूब बशवी ने भारत के ओलेमा और छात्रों, खास तौर पर मौलाना सैय्यद गज़नफर अब्बास मौलाना सैय्यद रज़ा नकवी और एसोसिएशन के उनके साथियों और सदस्यों को धन्यवाद किया।

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