हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम रज़ा अ.स. (मशहद मुकद्दस ईरान) के परचमे गुंबद कि ज़ियारत लखनऊ में शबिहे हरम इमाम रज़ा अ.स.
(कर्बला ए अज़ीमुलल्लाह खान)में 10 अक्टूबर 2021 गुरुवार को कराई गई।
यह वह परचम है जो इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के असली हरम से उतारकर शबिहे हरम इमाम रज़ा अ.स. लखनऊ में लहराया गया और मोमिनीन को ज़ियारत का शरफ़ हासिल हुआ, इस प्रोग्राम में तमाम अंजुमन और उलेमा और मोमिनीन ने शिरकत की।
इस प्रोग्राम की शुरुआत कुछ इस अंदाज से हुआ नमाज़े मगराबैन हुज्जतुल इस्लाम मौलाना जनाब सैय्यद रज़ी हैदर जै़दी (ईरान कल्चर हाउस) के नेतृत्व में अदा की गई। नमाज़ के तुरंत बाद कारी मुहम्मद अब्बास को कुरान की तिलावत का शरफ़ हुआ इस के बाद शोआरा ने शेर पेंश किए उस के बाद तक़रीरो का सिलसिला शुरू हुआ
हुज्जतुल इस्लाम मौलाना जनाब सैय्यद रज़ी हैदर जै़दी (दिल्ली) ने इमान अफरोज़ तकरीर कि जिस में इमाम अली रज़ा अ.स. की अख्लाकी और इल्मि सीरत पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस वक्त जितने लोग यहां ज़ियारत के लिए तशरिफ लाए हैं उन सभी की ओर से हरम इमाम रज़ा (अ.स.) के खुद्दाम ज़ियारत पढ़् रहे हैं। मौलाना ने उन तबर्रुकात की ओर भी इशारा किया जो मशहद से लखनऊ लाए गए है जिनमे इमाम रज़ा अ.स. के कब्र के पत्थर का टुक्ड़ा, नमक और परचम शामिल है।
मौलाना रज़ी जैदी साहिब के बाद, मौलाना के अनुरोध पर,सैय्यद यावर अली शाह सहाब ने दरगाह पर होने वाले करामात और वहां की सेवाओं का वर्णन किया।
इस प्रोग्राम के आखिर में हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी साहब ने तकरीर की और आए हुए तमाम मोमिनीन के लिए दुआ की इस प्रोग्राम कि निज़ामत मौलाना शाने हैदर ज़ैदी ने की।
परचम को 2 दिन के लिए ज़ारी मुबारक पर लगा दिया गया हैं। ताकि बाद में आने वाले लोग भी ज़ियारत कर सके।
यह कार्यक्रम हज़रत इमाम अली रज़ा (अ.स.) फाउंडेशन कर्बला अज़ीमुल्लाह खान तालकटोरा लखनऊ की देखरेख में किया गया था।