۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
क़ासिम सुलैमानी

हौज़ा / अहले बसीरत की एक निशानी तक़वा और खुदा की याद है। यह ऐसी विशेषता थी जो जनरल क़ासिम सुलेमानी में हमेशा बनी रही।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

अहले बसीरत की एक निशानी तक़वा और खुदा की याद है। यह ऐसी विशेषता थी जो जनरल क़ासिम सुलेमानी में हमेशा बनी रही। धार्मिक आदेशों पर जोर और धार्मिक आदेशों के पालन पर पैनी नजर उनके जीवन के कई चरणों में देखी जा सकती है। इसी प्रकार उनको सदैव ईश्वर के स्मरण में लीन देखा जाता था और वह हर परिस्थिति में धर्म के आदेशों का पालन करने का प्रयत्न करते थे।

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