हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मजमय जहानी तकरीब मज़हिब इस्लामी ने एक बयान जारी कर पवित्र कुरआन और इस्लामी पवित्रताओं के अपमान की निंदा की हैं।
निंदनीय बयान किस प्रकार है:
بسم الله الرحمن الرحیم
«نَزَّلَ عَلَیْکَ الْکِتَابَ بِالْحَقِّ مُصَدِّقًا لِمَا بَیْنَ یَدَیْهِ وَ أَنْزَلَ التَّوْرَاةَ وَالْإِنْجِیلَ، مِنْ قَبْلُ هُدًی لِلنَّاسِ وَأَنْزَلَ الْفُرْقَانَ» )سوره آل عمران، آیت ۳ و ۴)
एक बार फिर पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे पश्चिमी सरकार समर्थित इस्लाम विरोधी दुश्मनों ने इस्लाम की पवित्र चीज़ों का अपमान किया हैं।
कुछ यूरोपीय देशों के अधिकारियों ने मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सुंदर नारों के बहाने लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करने और इस दुश्मनी को बढ़ावा देने के तरीके में चरमपंथी तत्वों का समर्थन किया है़।
वह विभिन्न तरीकों से इस्लामोफोबिया और अपनी राजनीतिक रणनीति के रूप में अपनाते हैं।
मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरआन पाक पर हमला करना और उसकी महिमा का अपमान करना न तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और न ही कोई अन्य औचित्य। यह मुसलमानों के मजहब के खिलाफ एक साजिश है मुसलमानों के पवित्र का अपमान करना यह दुश्मन की खुली एक चाल है हम इसकी भरपूर निंदा करते हैं।