हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उम्मते वहेदा पाकिस्तान के तहत 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का बौद्धिक और पर्यटन दौरा चौथे दिन में प्रवेश कर गया है।चौथे दिन ईरान के वैज्ञानिक और अनुसंधान केंद्रों और धार्मिक हस्तियों के साथ बैठक जारी रही। अल-मुस्तफा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का भी विशेष दौरा किया गया।
इस मौके पर अल मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन डॉ अली अब्बासी ने भी प्रतिनिधिमंडल से खास बातचीत की। उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवाद की घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि सोची समझी साजिश के तहत क्षेत्रीय शांति को भंग किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि फरवरी का महीना हमें ईरान की इस्लामी क्रांति की वर्षगांठ की याद दिलाता है। ईरान में क्रांति किसी धर्म या क्षेत्र की नहीं है, यह इस्लाम की दुनिया का प्रवक्ता है।हमने फिलिस्तीन के कारण उत्पीड़ित मुसलमानों का खुलकर समर्थन किया और मुस्लिम उम्माह के गद्दारों ने इजरायल का समर्थन किया और फिलिस्तीन के कारण को नुकसान पहुंचाया। लेकिन ईरान ने फिलिस्तीन के कारण का समर्थन नहीं किया।समर्थन नहीं छोड़ा और सभी लागतों का भुगतान किया।