۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | इंफ़ाक़ करने वालो के लिए अल्लाह का इनाम उनके अच्छे कर्मों का परिणाम है। अच्छे कार्य की ओर प्रेरित करने में इनाम के वादे और गारंटी की भूमिका।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
الَّذِينَ يُنفِقُونَ أَمْوَالَهُم بِاللَّيْلِ وَالنَّهَارِ سِرًّا وَعَلَانِيَةً فَلَهُمْ أَجْرُهُمْ عِندَ رَبِّهِمْ وَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ   अल्लज़ीना युंफ़ेक़ूना अमवालहुम बिल लैले वन नहारे सिर्रन वा अलानियतन फ़लहुम अजरोहुम इंदा रब्बेहिम वला ख़ौफ़ुन अलैहिम वला हुम यहज़ानून (बकरा, 274)

अनुवाद: जो लोग अपना माल रात-दिन छुप-छुपाकर और खुलेआम (खुदा की राह में) खर्च करते हैं, उनका बदला और इनाम उनके रब के पास है। उन्हें न तो कोई डर है और न ही वे शोक मनाएंगे।

क़ुरआन की तफसीरः

1️⃣  दिन में खुलेआम खर्च करने से रात में छुपकर खर्च करना बेहतर है।
2️⃣  खर्च करने वालों के लिए अल्लाह का इनाम यह उनके अच्छे कर्मों का फल है।
3️⃣ अच्छे कार्य की ओर प्रेरित करने में इनाम और गारंटी के वादे की भूमिका।
4️⃣ आंतरिक शांति, ईश्वर की राह में खर्च करने का फल।
5️⃣ अल्लाह ताला द्वारा ईमानवालों को गैर-अनिवार्य खर्च को प्रोत्साहन देना।


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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा

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