गुरुवार 30 नवंबर 2023 - 11:04
मुजाहिद के बराबर इनाम

हौज़ा | हमें अपने और अपने परिवार के सम्मान की रक्षा के लिए हलाल जीविका की तलाश करनी चाहिए और खुद काम करके अपनी पत्नि और बच्चों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

मुजाहिद के बराबर इनाम

إِنَّ الَّذِي يَطْلُبُ مِنْ فَضْلٍ يَكُفُّ بِهِ عِيَالَهُ أَعْظَمُ أَجْراً مِنَ الْمُجَاهِدِ فِي سَبِيلِ اللَّه۔  इन्नल लज़ी यतलोबो मिन फ़ज़्लिन यकुफ़्फ़ो बेहि अयालेही आज़मो अजरन मिनल मुजाहेदे फ़ी सबीलिल्लाह।

इमाम रज़ा (अ) फ़रमाते हैः 

जो शख्स अपनी और अपने परिवार की इज्जत बचाने के लिए रोजी-रोटी की तलाश में निकलता है, उसका इनाम उस मुजाहिद से भी बड़ा है जो खुदा की राह में लड़ता है।

संक्षिप्त विवरण:

अल्लाह तआला ने हर इंसान की जीविका निर्धारित की है, लेकिन इसे कड़ी मेहनत और प्रयास के बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
अल्लाह ने रोजी की तलाश में निकलने को इबादत माना है और इस इबादत का सवाब मुजाहिद से भी बड़ा बताया है।
इसलिए, हमें अपने और अपने परिवार के सम्मान की रक्षा के लिए हलाल जीविका की तलाश करनी चाहिए और खुद काम करके अपनी पत्नि और बच्चों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए।

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तोहफ़ुल-उक़ूल, पेज  445

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