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दिन की हदीसः
ऐसी दुआएँ जो कभी रद्द नहीं होतीं
हौज़ा / पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में उन दुआओं का ज़िक्र किया है जो बिना किसी शक के कबूल की जाती हैं।
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दिन की हदीसः
पिता की बद-दुआ से सावधान!
हौज़ा / अल्लाह के रसूल (स) ने एक रिवायत में पिता की बद-दुआ के खतरे के बारे में चेतावनी दी है।
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दिन की हदीस:
अहंकार और घमंड का नतीजा
हौज़ा / हज़रत इमाम हादी अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अहंकार और घमंड का नतीजे की ओर इशारा किया है
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पक्के इरादे और प्लानिंग से ग़लतियो की भरपाई करें
हौज़ा / इमाम हादी (अ) ने एक रिवायत में पक्के इरादे और प्लानिंग से ग़लतियो के पछतावे की भरपाई करने पर ज़ोर दिया है।
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औरतों के लिए सबसे अच्छा सिफ़ारिश करने वाला
हौज़ा / हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने अल्लाह की नज़र में औरतों के लिए सबसे अच्छा सिफ़ारिश करने वाले के बारे में बताया है।
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दिन की हदीसः
अल्लाह की नज़र में सबसे इज्ज़तदार इंसान
हौज़ा / इमाम मुहम्मद बाकिर (अ) ने एक रिवायत में अल्लाह की नज़र में सबसे इज्ज़तदार इंसान के बारे में बताया है।
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दिन की हदीसः
सिले रहम का न्यूनतम मानक
हौज़ा/ पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में सबसे आसान और सबसे कम तरह की सिले रहमी के बारे में बताया है।
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अहले बैत की मोहब्बत के करीब जाने का तरीका
हौज़ा/ इमाम महदी (अ) ने एक रिवायत में अहले बैत (अ) की मोहब्बत के करीब जाने का मुख्य मानक की ओर इशारा किया हैं।
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अहले-बैत (अ) से प्यार करने वाले का मानक
हौज़ा / हज़रत इमाम महदी (अ) ने एक रिवायत में अहले-बैत (अ) के प्यार के बेसिक मानक बताए हैं।
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फ़ज़ूलखर्ची का सबसे कम उदाहरण
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में फ़ज़ूलखर्ची का सबसे कम उदाहरण बताया है।
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दिन की हदीसः
खाने में इसराफ़ की हदें
हौज़ा / अल्लाह के रसूल (स) ने एक रिवायत में रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इसराफ़ के एक छिपे हुए रूप के बारे में बताया है।
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बरकत को कम करने वाली चीज़
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में फ़ज़ूलखर्ची के नतीजों के बारे में बताया है।
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दिन की हदीसः
बरकत में कमी का कारण
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में फ़ज़ूलखर्ची के नतीजों के बारे में बताया है।
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दिन की हदीस:
हज़रत अमीरुल मोमिनीन अलैहिस्सलाम की नज़र में इसराफ की निंदा
हौज़ा / हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में इसराफ (फज़ूल खर्ची) की निंदा की है।
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ग़रीबी और मुश्किल की वजह!
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में ग़रीबी और मुश्किल की एक मुख्य वजह बताई है।
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हज़रत इमाम ज़मान (अ) का मक़ाम और मंज़िलत
हौज़ा / हज़रत इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में हज़रत वली-ए-अस्र (अ) के मक़ाम और मंज़िलत के बारे में बताया है।
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दिन की हदीसः
पैग़म्बर (स) की नज़र में माँ का बेमिसाल दर्जा
हौज़ा/ पैग़म्बर (स) ने एक हदीस में माँ के बेमिसाल दर्जे के बारे में बताया है।
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दिन की हदीसः
माँ की दुआ का हैतर अंगेज़ असर
हौज़ा/ पैग़म्बर मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि व सल्लम) ने एक रिवायत में माँ की दुआ के हैरत अंगेज़ असर के बारे में बयान फ़रमाया है।
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दिन की हदीसः
माता-पिता की सेवा करने से गुनाहों की माफ़ी मिलती है
हौज़ा/ हज़रत इमाम सज्जाद (स) ने एक रिवायत में बताया है कि “माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करना” इंसान के लिए माफ़ी के दरवाज़े खोलने की वजह है।
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दिन की हदीसः
माता-पिता के साथ व्यवहार की बारीकियाँ
हौज़ा / इमाम सादिक़ (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में हमें माता-पिता का आदर करने के दक़ीक़ तौर-तरीकों की याद दिलाई है।
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मोहब्बत की निगाह से माता-पिता की ओर देखने का महत्व
हौज़ा / इमाम सादिक़ (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में माता-पिता की ओर मोहब्बत की निगाह से देखने के महत्व को बयान किया है।
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रोज़े जुमा के गुस्ल की फ़ज़ीलत
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में रोज़े जुमा के गुस्ल की फ़ज़ीलत बयान फ़रमाई है।
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दुनिया की अनदेखी
हौज़ा /अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने एक हदीस में इंसान को दुनिया से जुड़े रहने और आखिरत को नज़रअंदाज़ करने से आगाह किया है।
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मौत की याद ज़िंदगी में सुकून का ज़रिया है
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में मौत की याद को ज़िंदगी में सुकून और शांति का ज़रिया बताया है।
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दिन की हदीसः
रोज़ाना कम होती उम्र को नज़रअंदाज़ करना
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने इस रिवायत में इंसान को रोज़ाना कम होती उम्र को नज़रअंदाज़ करने से अवगत किया है।
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दिन की हदीसः
आखिरत के सफर की तैयारी
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन अली (अलैहिस्सलाम) ने इस रिवायत में इंसान को चेतावनी दी है कि उसे मौत के अचानक आने से पहले सावधान और तैयार रहना चाहिए।
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मौत से बचना नामुमकिन!
हौज़ा/ इमाम अली नक़ी (अलेहिस्सलाम) ने एक रिवायत में मौत की सच्चाई और उससे बचने के नामुमकिन होने की तरफ ध्यान दिलाया है।
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दिन की हदीस:
मौत की याद करते रहना
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्लाम ने एक रिवायत में मौत को याद करने की नसीहत फरमाई हैं।