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शरई अहाम । मश्कूक सज्दागाह के साथ नमाज़ पढ़ने का हुक्म
हौज़ा / अयातुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने सजदे के सही होने की शर्तों और सज्दागाह पर किसी मानेअ चीज़ की उपस्थिति के शक से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दिया है।
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नेमतों के लिए शुक्रगुज़ार होने का महत्व
हौज़ा / इस रिवायत में, इमाम जवाद (अ) ने नेमतों के लिए शुक्रगुज़ार होने के महत्व को समझाया है।
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दिन की हदीसः
नेमत पर शुक्र, सर्वोत्तम और स्थायी नेमत
हौज़ा / इमाम हादी (अ) ने एक हदीस में नेमत पर शुक्र के महत्व पर प्रकाश डाला है।
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दिन की हदीसः
दिल से शुक्रिया अदा करने का इनाम
हौज़ा/ इस रिवायत में, अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने अल्लाह की नेमतों के लिए दिल से शुक्रिया अदा करने के इनाम की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
बीमारों की मदद करने का अज्र और सवाब
हौज़ा/ पैग़म्बर (स) ने इस हदीस में बीमारों की सेवा करने और उनकी ज़रूरतें पूरी करने के अज़ीम सवाब का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
हर साँस के बदले शुक्र
हौज़ा/ इस रिवायत में, इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने अल्लाह के बंदों को सलाह दी है कि वे अपने जीवन के हर पल को अल्लाह की नेमतों के लिए शुक्र करने का अवसर समझें।
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नेमतो मे बढ़ोतरी का राज़
हौज़ा / इस रिवायत में इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने बंदों की शुक्रगुज़ारी और अल्लाह की नेमतों के लगातार बने रहने के दरमियान के रिश्ते की तरफ़ इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
ग़ैबत के ज़माने में ईमान की मज़बूती
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक हदीस में ग़ैबत के ज़माने में दीन और ईमान को बचाए रखने की कठिनाई का ज़िक्र किया है।
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दिन की हदीसः
आयु बढ़ाने का तरीका
हौज़ा / पैगंबर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में आयु बढ़ाने का एक तरीका बताया है।
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शरई अहकाम । क्या गर्भपात हुए भ्रूण पर ग़ुस्ल और दीयत वाजिब है?
हौज़ा/आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनेई ने गर्भपात हुए भ्रूण पर ग़ुस्ल और दीयत के नियमों के संबंधित सवाल का जवाब दिया है।
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दिन की हदीस:
ज़ुल्म और सितम को माफ़ कर देने का फल
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में अपने ऊपर होने वाले ज़ुल्म और सितम को माफ़ कर देने के महान अज्र और सवाब की ओर इशारा किया है।
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अमीरुल मोमेनीन (अ) के शब्दों में सबसे बुरा व्यक्ति
हौज़ा/ अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में सबसे बुरे व्यक्ति की ओर इशारा किया है।
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अफ़्व और दरगुज़र; बेहतरीन ख़स्लत
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में कहा है कि अफ़्व और दरगुज़र इनसान की बेहतरीन ख़स्लतो में से हैं।
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दिन की हदीसः
जहन्नम के अज़ाब से नेजात का ज़रिया
हौज़ा/ एक रिवायत में, पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने फ़रमाया है कि लोगों की गलतियों को क्षमा करना जहन्नम के अज़ाब से नेजात का ज़रिया है।
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दिन की हदीसः
अफ़्व और दर गुजर करने का समरा
हौज़ा/ अल्लाह के रसूल (स) ने एक रिवायत में दर गुज़र करने के समरे का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
जुमा की नमाज़ का सवाब
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में जुमा की नमाज़ की फ़ज़ीलत बयान की है।
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दिन की हदीसः
गुनाहाने कबीरा का कफ़्फ़ारा
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में गुनाहाने कबीरा के निशान मिटाने का तरीका बताया है।
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दिन की हदीसः
गुनाह की बीमारी का इलाज
हौज़ा / इस हदीस में गुनाह को बीमारी बताया गया है और इसके इलाज की तरफ इशारा किया गया है।
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दिन की हदीसः
नेमतों के कम होने में गुनाहों की भूमिका
हौज़ा/ अमीरुल मोमेनीन (अ) ने एक रिवायत मे नेमतों के कम होने में गुनाहों के असर का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
अपनी गलतियों से नाआगाही एक बड़ा पाप है
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने इंसान को अपनी गलतियों और दोषों से ना आगाह रहने के प्रति आगाह किया है।
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गुनाहो से बचना, हक़ीक़ी अक़्लानियत है
हौज़ा / अमीरुल मोमेनीन अली (अ) ने एक रिवायत में उन लोगों की ओर इशारा किया हैं जो गुनाहो के प्रति उदासीन हैं।
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दिन की हदीस:
तनहाई में गुनाहों से परहेज़
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल. ने एक रिवायत में तनहाई में गुनाहों से परहेज़ करने की नसीहत की है।
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दिन की हदीस:
मुसलमानों के लिए तीन ज़रूरी अमल
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल. ने एक रिवायत में मुसलमानों के लिए तीन ज़रूरी अमल की ओर ईशारा किया हैं।
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दिन की हदीसः
पति की सेवा करने पर पत्नी को मिलने वाला सवाब
हौज़ा/इमाम मूसा काज़िम (अ) ने एक हदीस में पत्नी द्वारा अपने पति पर ध्यान देने के महत्व का वर्णन किया है।
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परिवार के साथ बैठने का महत्व
हौज़ा / पैग़म्बर (स) ने एक हदीस में अपने परिवार के साथ बैठने के महत्व का ज़िक्र किया है।
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दिन की हदीसः
यात्रा से लौटते समय परिवार के सदस्यों के लिए उपहार लाने पर ज़ोर
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक हदीस में यात्रा से लौटने पर परिवार के सदस्यों के लिए उपहार और स्मृति चिन्ह लाने पर ज़ोर दिया है।
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दिन की हदीसः
उम्मत ए जाफ़री के सर्वश्रेष्ठ पुरुष
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में एक अच्छे इंसान के चार गुणों का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
पत्नी को हमेशा याद रहने वाला वाक्य
हौज़ा/ पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने एक हदीस में पति द्वारा अपनी पत्नी से कहे गए प्रेमपूर्ण शब्दों के प्रभाव का उल्लेख किया है।