हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के मुताबिक ज़ायोनी सरकार के सैनिकों द्वारा गाजा नागरिकों की सामूहिक गिरफ्तारी और उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर ज़मीन पर बैठाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिससे लोगों के बीच अलग अलग राय सामने आ रही हैं।
कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने सीरिया और इराक में आईएसआईएस कैदियों के व्यवहार की तस्वीरें पोस्ट करके और दोनों तस्वीरों को एक साथ जोड़कर ज़ायोनीवादियों के व्यवहार की तुलना आतंकवादियों के व्यवहार से की हैं।
इस बात से पता चलता है कि इज़रायली सेना द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों का प्रतिरोध समूह की सेनाओं से कोई संबंध नहीं है और वे सभी सामान्य गज़ावासी हैं।
संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के मानवीय मामलों के प्रमुख हादी अलमज़ौन ने एक साक्षात्कार में सीएनएन को बताया मैं तस्वीर में अधिकांश लोगों को जानता हूं।
सीएनएन रिपोर्टर के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा वह न तो कैदी हैं और न ही हमास के लड़ाके हैं वह सिर्फ सामान्य नागरिक हैं जो अपने परिवारों के साथ वहां थे और स्थिति से भागने की कोशिश कर रहे थे।
अलमज़ौन ने आगे कहा मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि मेरे पिता, भाई और एक दुकानदार को घर से बाहर निकाला गया और हमास लड़ाकों के रूप में गिरफ्तार कर लिया गया।