हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एरिफ़नो के हवाले से डच रेडियो और टेलीविज़न ने हाल के वर्षों में इस्लाम में परिवर्तित होने वाले युवाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति मस्जिद इस्लाम में धर्मांतरण करने वालों की औसत संख्या प्रति माह एक से दो के बीच होती थी लेकिन अब यह साप्ताहिक और बड़े शहरों में अधिक बार हो रही है।
इस्लामी समुदायों ने यह भी बताया है कि युवाओं में इस्लाम के प्रति रुचि बढ़ रही है क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म को अपने सवालों के जवाब का एक विश्वसनीय स्रोत पाया है।
ग्रौश नेशनल इस्लामिक एसोसिएशन, जो 40 से अधिक मस्जिदों का इंतज़ाम करता है ने अपने सवालों के जवाब खोजने के लिए देश की मस्जिदों में जाने वाले डच युवाओं की संख्या में वृद्धि की सूचना दी है आने वाले इस्लाम और कुरान का परिचय देने के लिए डच भाषा में लिटरेचर की तलाश कर रहे हैं।
डच युवाओं की इस्लाम में दिलचस्पी अक्सर उन दोस्तों या सहकर्मियों के साथ बातचीत का परिणाम होता है जो नए मुसलमानों के साथ अपने अनुभव साझा करते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
डच मानवविज्ञानी वैनेसा फ़्रीओन निम के अनुसार, नीदरलैंड में मुसलमानों की संख्या में वृद्धि ने युवाओं को इस्लाम के बारे में बेहतर ज्ञान प्राप्त करने के अधिक अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने आगे कहा मुस्लिम मित्र या क्लासमेट होने से प्रश्न पूछकर और विवरण तलाश कर इस धर्म की समझ बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
वह बताते हैं कि राजनीति और समाज में इस्लाम के बारे में नफ़रती चर्चाएं धर्म में रुचि बढ़ाने में बाधा नहीं हैं, बल्कि इस्लाम के बारे में खोज और चर्चा बढ़ाने के लिए एक बुनियाद बन सकती हैं। इससे इस धर्म की गहरी समझ चाहने वाले लोगों की जुस्तजू बढ़ जाती है।
नीदरलैंड की मस्जिदें इस्लाम में रुचि रखने वाले युवाओं का स्वागत करने में सकारात्मक भूमिका निभाती हैं।
नीदरलैंड की आधिकारिक सांख्यिकी एजेंसी के मुताबिक, इस देश की 5.6% आबादी खुद को मुस्लिम बताती है। हालाँकि नए मुसलमानों की संख्या पर कोई आधिकारिक आँकड़े नहीं हैं, फिर भी इस क्षेत्र में आँकड़े तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।