हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ इस्लामिक वर्ल्ड के महासचिव मोहम्मद अलईसा ने डेगेन्स नीहटर अखबार के लिए लिखे एक लेख में स्वीडन के साथ-साथ स्वीडन और दुनिया के मुसलमानों से अपील की कि कुरान जलाने के संकट को बातचीत के एक अवसर के रूप में उपयोग करें और स्वीडन के लोगों के बीच एक पुल का निर्माण करें।
उन्हों लोगों के लिए रास्ता बंद करना चाहिए जो नफ़रत फैलाना चाहते हैं और इस उद्देश्य के लिए कुरान को जला रहे हैं और ऐसा करके वह स्वीडन में मुसलमानों और गैरमुसलमानों के बीच विभाजन का पीछा कर रहे हैं।
अपने लेख के दूसरे भाग में उन्होंने लिखा नफ़रत फैलाने वालों के कार्यों का उद्देश्य स्वीडन और इस्लामी दुनिया के बीच बातचीत को रोकना है और साथ ही, वे जितना संभव हो सके मतभेदों को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग हमें एकदूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा करना चाहते हैं, लेकिन हमारी इस्लामी मान्यता ऐसी चीज़ की इजाज़त नहीं देती।
मुहम्मद अलईसा कहते हैं आज उस चीज़ को हासिल करने का पहले से कहीं बेहतर अवसर है जिसे कट्टरपंथियों ने लंबे समय से रोकने की उम्मीद की है जो कि आम स्वीडिश लोगों के बीच उन सकारात्मक मूल्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है जिसका इस्लाम मुस्लिम और कुरआन वास्तव में प्रतिनिधित्व करते हैं।
हाल के इतिहास में किसी भी अन्य समय की तुलना में कुरान जलाने वालों ने अनजाने में आम स्वीडिश लोगों के बीच कुरान में अधिक रुचि जगा दी है।