۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/ अगर वह संतुष्ट हो कि हराम काम में मुक्तिला नहीं होगा तब भी एहतियात लाज़िम की बिना पर जायज़ नहीं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल:क्या तस्वीरें और मूर्तियों को शहवत की नज़र से देखना जायज़ है?

उत्तर:अगर वह संतुष्ट हो कि हराम काम में मुक्तिला नहीं होगा तब भी एहतियात लाज़िम की बिना पर जायज़ नहीं हैं।

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