हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और मालदीव के बीच तनाव बढ़ने की ख़बरों के साथ ही यह अटकलें भी तेज़ हो गई थीं कि इस देश में भी चीन ने भारत को पीछे छोड़ दिया और अपना प्रभाव बढ़ा लिया है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने वहां मौजूद भारतीय सैनिकों को हटाने के बारे में नई जानकारी दी है।
अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों के वहाँ से हटने के बाद उनकी जगह भारत की टेक्निकल टीम लेगी।
इससे पहले मालदीव ने भारत से कहा था कि वो अपने सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुला ले।
मगर इसके बाद हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने संसद को संबोधित किया तो उन्होंने बताया कि हमने भारत से आधिकारिक तौर पर मालदीव से सेना हटाने को कहा है, इस मुद्दे पर बातचीत जारी है, अभी तक हुई बातचीत के मुताबिक़, तीन में से एक एविएशन प्लेटफॉर्म से सैनिकों को 10 मार्च 2024 तक बुला लिया जाएगा जबकि बाकी के दो एविएशन प्लेटफॉर्म पर मौजूद सैनिकों को 10 मई 2024 तक बुला लिया जाएगा।
अब भारत सरकार ने कहा है कि भारतीय सैनिकों की जगह भारतीय टेक्निकल टीम ले लेगी।
बीते साल मोहम्मद मुइज़्ज़ू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही मालदीव और भारत के रिश्तों में तनाव की अटकलें लगाई जाने लगी थीं क्योंकि मुइज़्ज़ू के बारे में कहा जाता है कि उनका चीन के प्रति झुकाव है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली में भारत और मालदीव के उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की दूसरी बैठक के बाद दो फ़रवरी को इस बारे में बताया गया था और ये भी कहा गया था कि इसकी तीसरी बैठक जल्द होगी।
उन्होंने कहा कि मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों के वहाँ से हटने के बाद उनकी जगह भारत की योग्य टेक्निकल टीम लेगी।
वहीं, हाल में ये ख़बर आई थी कि भारत ने मालदीव के लिए बजट में कटौती की है, इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा कि असल में ये राशि बढ़ी है, फ़ाइनल आँकड़े आने पर ज़्यादा स्पष्टता होगी कि मदद कितनी बढ़ी है।