हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, माओ निंग, ने घोषणा की कि बीजिंग का मध्य-पूर्व के प्रति दृष्टिकोण तुरंत संघर्षविराम को बढ़ावा देना, हिंसा को समाप्त करना, मानवीय संकट को घटाना, और संवाद तथा बातचीत के माध्यम से राजनीतिक समाधान की दिशा में प्रयास करना है।
माओ निंग ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले वर्ष, चीन ने सक्रिय रूप से शांति प्रयासों में भाग लिया था। इनमें ग़ज़्ज़ा में संघर्षविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का पहला प्रस्ताव पारित करवाना, फिलिस्तीनी समूहों के बीच शांति को समर्थन देना, बीजिंग घोषणा पर हस्ताक्षर करना, और ग़ज़्ज़ा को मानवीय सहायता प्रदान करना शामिल है।
उन्होंने यह भी कहा कि चीन, लेबनान का बहुपक्षीय मंचों में समर्थन करता है, ईरान और सऊदी अरब के बीच शांति की कोशिशों में योगदान करता है, और क्षेत्रीय देशों को आपसी विश्वास, समावेशिता और सहयोग के माध्यम से अपने मतभेदों का समाधान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
माओ निंग ने आगे कहा कि यदि पश्चिम एशिया में शांति नहीं स्थापित होती है, तो वैश्विक शांति भी संभव नहीं होगी।
यह बयान चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता द्वारा उस समय दिया गया, जब गाज़ा युद्ध, जो पिछले एक साल से क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है, अब भी बिना किसी स्पष्ट संघर्षविराम के जारी है। इस युद्ध में इजरायली अत्याचार जारी हैं, और यह सीरिया में असद शासन के बाद भी नागरिकों की जान ले रहा है।
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