۳ آذر ۱۴۰۳ |۲۱ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 23, 2024
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हौज़ा/सोमवार की शाम को CAA नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रात से ही केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है केरल में अलग अलग जगहों पर प्रोटेस्ट किया गया,राज्य के मुख्यमंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि केरल में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 यानी CAA लागू नहीं किया जाएगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सोमवार की शाम को CAA नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रात से ही केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है केरल में अलग अलग जगहों पर प्रोटेस्ट किया गया,राज्य के मुख्यमंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि केरल में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 यानी CAA लागू नहीं किया जाएगा।

भारत सरकार की तरफ से सोमवार की शाम नागरिकता (संशोधन) अधिनियम CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। CAA लागू होने जाने के बाद केरला में सोमवार रात से ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।

कांग्रेस के यूथ विंग NSUI ने कोच्चि और त्रिशूर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर CAA के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन सभी प्रदर्शनकारियों को ट्रेक से हटाया। सत्तारूढ़ CPM के यूथ विंग DYFI ने कोझिकोड में विरोध मार्च किया और फ्रेटानिटी पार्टी के समर्थकों ने भी कोझिकोड में अचानक प्रोटेस्ट कर दिया। इस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। 

इसके अलावा कासरगोड में IUML के यूथ विंग यूथ लीग के कार्यकर्ताओं ने CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच केरला के CM पिनराई विजयन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 यानी CAA लागू नहीं किया जाएगा। केरल के सीएम ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सांप्रदायिक विभाजन अधिनियम (communal division act) का एक साथ विरोध करेगा।

प्राप्त समाचारों के अनुसार CAA को नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों में के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। सीएए कानून को उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा जहां भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को यात्रा करने के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) की जरूरत होती है। 

ज्ञात रहे कि आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है। अधिकारियों ने नियमों के हवाले से बताया कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदें बनाई गई हैं, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है। असम, मेघालय और त्रिपुरा में ऐसी स्वायत्त परिषदें हैं।

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