۳۰ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۱ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 19, 2024
हैदराबाद

हौज़ा / जन्नत-उल-बकी संगठन ने हैदराबाद के इंदिरा पार्क में जन्नत-उल-बकी के विध्वंस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और सऊदी सरकार से जन्नत-उल-बकी मजारों के निर्माण की अनुमति देने की मांग की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद/हैदराबाद के जन्नतुल बाकी संगठन के अध्यक्ष मीर सोहेल अली के नेतृत्व में हैदराबाद के इंदिरा पार्क (धरना चौक) पर एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें मौलाना कामरान हैदर व मौलाना असगर एफेंदी व अन्य विद्वानों ने भाग लिया। इस अवसर पर मौलाना असगर एफेंदी ने कहा कि सौ साल पहले सऊदी सरकार ने जन्नत अल-बकी, बाकी कब्रिस्तान और उस पर बने विभिन्न मजारों को ध्वस्त कर दिया था। इन तीर्थस्थलों में इमाम हसन, इमाम सज्जाद, इमाम बाकिर और इमाम सादिक (अ) के रोज़े शामिल हैं। मौलाना असगर एफेंदी ने सऊदी अरब की सरकार से जन्नत अल-बाकी के गुंबद के निर्माण की अनुमति देने की मांग की।

ईरान ने जन्नत अल-बकी के विध्वंस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, शोक का दिन घोषित किया और तीन साल के लिए सऊदी अरब की नई स्थापित सरकार की मान्यता में देरी की। दुनिया भर के शिया इस अधिनियम की कड़ी निंदा करने और सऊदी अरब की वर्तमान सरकार से इस कब्रिस्तान के तत्काल निर्माण की मांग करने के लिए हर साल शव्वाल की 8 तारीख को "जन्नत अल-बकी का विध्वंस दिवस" ​​मनाते हैं।

गौरतलब हो कि इससे पहले भी लखनऊ में जन्नत-उल-बकी के विध्वंस के 100 साल पूरे होने पर शिया विद्वान मौलाना कल्बे जवाद नक़वी के नेतृत्व में मजलिस उलेमा-ए-हिंद द्वारा मस्जिद-ए-असेफी शुक्रवार की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन किया गया था। शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने आले सउद की आक्रामकता का विरोध किया और विरोध में मस्जिद से बाहर निकल आए। मस्जिद के बाहर सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें जन्नत-उल-बकी की तबाही की 100वीं बरसी पर प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार के जरिए सऊदी सरकार से जन्नत-उल-बकी के पुनर्निर्माण की मांग की थी।

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