۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
بهادری جهرمی

हौज़ा / सरकारी प्रवक्ता ने कहा: शहीद सैयद इब्राहीम रईसी खुद को सरबाज़-ए-विलायत कहते थे और हमेशा खुद को सर्वोच्च नेता का सिपाही कहते थे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, तेहरान के अनुसार, सरकार के प्रवक्ता अली बहादुर जहरमी ने शहीद राष्ट्रपति के व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए कहा: "हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन रईसी बहुत व्यस्त जीवन के मालिक थे। वह अक्सर देश की सेवा में यात्रा करते थे और वह अपनी पूरी टीम को देश की सेवा में व्यस्त रखते थे।

उन्होंने कहा: शहीद रईसी की कार्यप्रणाली ऐसी थी मानो उन्होंने कहा हो, "मैं इन सभी मामलो मे सबसे आगे हूं और आप सभी को मुझ तक पहुंचना होगा।"

बहादुर जहरमी ने कहा: आमतौर पर, जब विभिन्न बैठकों मे परियोजनाओं की तारीखों की घोषणा की जाती थी, तो हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन रईसी हमेशा इन तारीखों के बारे मे अधिकारियों से चर्चा करते थे, आप इस तारीख की घोषणा क्यों कर रहे हैं? यह कार्य अगले वर्ष क्यो करे? फिर वह उन्हें तरह-तरह के तर्क देकर मजबूर करता कि काम दो महीने मे नहीं, बल्कि दो हफ्ते में पूरा हो जाना चाहिए।

उन्होंने कहा: हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन रईसी हमेशा खुद को सरबाज़-ए-विलायत कहते थे और खुद को सर्वोच्च नेता का सिपाही कहते थे। उनका कहना था कि यदि सर्वोच्च नेता के फ़रमान को अपने मामलो मे ठीक से करे तो आर्थिक समस्याओ सहित सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है।

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