हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सम्मेलन की शुरुआत कुरान की तिलावत और हदीस किसा की तिलावत से हुई, जिसके बाद मौलाना मुहम्मद रज़ा खान रन्नवी ने हदीस की रोशनी में धार्मिक शिक्षा के महत्व और महानता की विस्तृत और प्रभावी व्याख्या की।
आदरणीय श्री मौलाना मरगूब आलम असकरी ने लोगों को कुरान की रोशनी में सभी विज्ञानों, विशेषकर धार्मिक ज्ञान को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष माननीय मौलाना सैयद सफदर हुसैन जैदी ने कहा कि जामिया इमाम जाफर सादिक (अ) ने दीन, देश और कौम की सेवा के लिए बच्चों को ज्ञान के सागर में डुबोया और नई-नई चीजों का अविष्कार किया। इस प्रकार कि अधिकार का भुगतान किया जा सके
मौलाना ने बच्चों और लड़कियों में सीखने के प्रति जुनून और उत्साह पैदा किया और आये हुए सभी छात्रों और उनके अभिभावकों तथा सीखने में भाग लेने वाले कई अन्य लोगों ने भाषण से सीखा और इसकी सराहना की।
जामिया नूर अल-मदारिस के छात्रों ने प्रार्थना में पाठ के स्वास्थ्य जैसे ऐतिहासिक घटनाओं और आदेशों को नए तरीके से प्रस्तुत किया और वार्षिक परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले सफल छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए।
मौलाना सैयद सफदर हुसैन जैदी, मौलाना मरगूब आलम अस्करी, मौलाना मुहम्मद रजा खान, मौलाना मदाबा अल-हुसनैन, मौलाना शेख हसन जाफर, मौलाना अली हसनैन शायान, मौलाना आगा मोहसिन, मौलाना सैयद सलमान और जनाब अल्हाज शेख हसन जाफर मौजूद रहे।
अंत में सम्मेलन के संयोजक एवं जामिया नूर अल-मदारिस के प्रबंधक जनाब अल्हाजी शेख हसन जाफ़र करबलाई ने आये हुए सभी लोगों का धन्यवाद किया और उपस्थित सभी लोगों ने मिलकर बच्चों के अच्छे भविष्य और देश की अखंडता के लिए दुआ की।