۱۵ مهر ۱۴۰۳ |۲ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 6, 2024
बाब उल हवाइज

हौज़ा / मौलाना मुहम्मद मुजतबा के प्रयासों की सराहना करते हुए मौलाना आबिद रजा ने कहा कि आप आगे बढ़िए, हम हर मौके पर आपके साथ खड़े नजर आएंगे। छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि मौलाना मुजतबा ने मदरसे के रूप में एक पौधा लगाया है और अब मौलाना के हौसले और ताकत को बढ़ाने की जिम्मेदारी क्षेत्र के लोगों की है ताकि यह पौधा बड़ा पेड़ बन सके ताकि यह छेत्र को शिक्षा की छाया प्रदान कर सके।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बाराबांकी, (प्रेस विज्ञप्ति): चौथे नूर सय्यद-उल-साजिदीन इमाम ज़ैनुल आबेदीन के जन्म दिन के शुभ अवसर पर बाराबांकी के आलमपुर (सय्यदवाड़ा) स्थित मदरसा जामिआ बाब-उल-हवाईज में  जश्न और शैक्षिक प्रदर्शन का आयोजन किया गया जिसमें विद्वानों और उपदेशकों ने युवाओं को शिक्षा के महत्व पर संबोधित किया ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना अब्दुल्ला वाएज़ जफराबादी ने की, जबकि निहाल हैदर सराय सालिम (लखनऊ ) व जमील जाफरी सीतापुर (लखाऊ) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।  मदरसा बाब-उल-हवाईज के संस्थापक व इमाम जुमा मौलाना मुहम्मद मुजतबा 'मीसम' ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में लंबे समय से शैक्षिक प्रदर्शन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इमाम ज़ैनुल आबेदीन के जन्म के शुभ अवसर पर यह आयोजित किया गया, जिसमें मदरसा के छात्रों ने उत्कृष्ट शैक्षिक प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि छात्रों ने शिक्षा के बारे में कविताएं प्रस्तुत कर शिक्षा के प्रति अपनी गंभीरता को व्यक्त किया।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के नारों "लब्बैक या खामेनई , लब्बैक या खुमैनी " से पूरा इलाका गुंजायमान हो रहा था। मौलाना अब्दुल्ला वाएज़ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों, विशेष रूप से सैयदवाडा  के निवासियों से अपील की कि वे मौलाना मुहम्मद मुजतबा मीसम के नेतृत्व वाले मदरसा के साथ सहयोग करें और सदस्यों से कहा कि आप केवल नाम के सदस्य न रहकर मौलाना मीसम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें। खुदा ने चाहा तो इमाम तुम्हारा ख्याल रखेंगे और अगर ऐसा होता है तो यह मदरसा एक दिन दूसरे शिक्षण संस्थानों के लिए मिसाल बनेगा। जामिया इमानिया जौनपुर के शिक्षक मौलाना सैयद आबिद रजा रिजवी ने कहा कि संकीर्णता के दलदल में फंसे लोगों को यहां आना चाहिए और देखना चाहिए कि हमारे मदरसों के मासूम छात्र कितने प्रतिभाशाली और देशभक्त हैं। उन्होंने कहा कि आज यहां मासूम बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गांव का यह मदरसा एक दिन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को टक्कर देगा।

मौलाना आबिद रजा ने मदरसे के संरक्षक मौलाना मुहम्मद मुजतबा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आप आगे बढ़िए, हम हर मौके पर आपके साथ खड़े नजर आएंगे। उन्होंने मदरसे के संचालकों और छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि मौलाना मुजतबा ने मदरसे के रूप में एक पौधा लगाया है और अब मौलाना के हौसले और ताकत को बढ़ाने की जिम्मेदारी क्षेत्र के लोगों की है ताकि यह पौधा बड़ा पेड़ बन सके ताकि यह छेत्र को शिक्षा की छाया प्रदान कर सके।  वसीका अरबिक कॉलेज (फैजाबाद) के प्रिंसपल मौलाना मुहम्मद मोहसिन ने अपने संबोधन में कहा कि मदरसे की छात्राओं ने जिस कुशलता से अपनी कला का प्रदर्शन किया है वह काबिले तारीफ है।

उन्होंने कहा कि ये लड़कियां आज लोगों के लिए आदर्श बन रही हैं, इसलिए हर मैदान में लड़कियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मदरसा के संस्थापक मौलाना मुहम्मद मुज्तबा ने अपने संक्षिप्त संबोधन में अपने शैक्षिक अभियान के दौरान आने वाली समस्याओं का उल्लेख किया और मकतब से मदरसा तक की 10 साल की यात्रा का वर्णन किया। इस दौरान  मदरसा बाब-उल-हवाईज  और मकतब इमामिया अली बिन मूसा अल-रजा देवरा सादात के छात्रों ने बेहतरीन तरीके से अपने ज्ञान और कला का प्रदर्शन कर लोगों को धार्मिक शिक्षा से प्रभावित किया। इस मौके पर आरिज़ सांगोरा, हाजी हसनैन आलमपुर, शुजा अब्बास आलमपुर, शादाब आलमपुर, दानिश देवरा सादात सहित अन्य ने बरगाह इमामत में अशआर पेश किए । कार्यक्रम में मौलाना सलमान अब्बास, मौलाना ज़ायर आबिद , सज्जाद साहिब (कूढ़ा सादात), आफताब साहिब (कोपा सादात) व सगीरुल हसन लखनऊ ने शिरकत की।  कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. नसीम हुसैन 'छोटे मियां' की अहम भूमिका रही। अवसर पर नफीस हैदर,काजिम अली, सफीर हैदर , शकील हुसैन, मुनव्वर हुसैन, शहीर हैदर, मुनीर हसन, अनवार हुसैन, रोशन मियां, हिलाल अहमद, शादाब हुसैन के अलावा समिति तंजीमुल मोमिनीन के सदस्य और बड़ी संख्या में छेत्रवासी उपस्थित थे।

मौलाना मुज्तबा ने मदरसे के रूप में एक पौधा लगाया है जो पेड़ बनकर क्षेत्र को शिक्षा की छाया देगा: मौलाना आबिद रजा

मौलाना मुज्तबा ने मदरसे के रूप में एक पौधा लगाया है जो पेड़ बनकर क्षेत्र को शिक्षा की छाया देगा: मौलाना आबिद रजा

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