۲۰ آبان ۱۴۰۳ |۸ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 10, 2024
آیت اللہ جوادی آملی

हौज़ा / अगर मीडिया से ताल्लुक रखने वाले लोग खबरों में सदाकत और सच्चाई को अपनी नजर में रखें और उसके बाद खबरों की तहलील और तज़्जिया करे तो कई विदेशी और फर्जी अखबार और मीडिया का दरवाजा बंद हो सकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , एक रिपोर्ट के मुताबिक , 7 अगस्त को पत्रकार दिवस मनाया जाता है इस मौके पर आयतुल्लाह जवादी अमूली ने कहां, उसे बयान को पेश किया जा रहा है जो उन्होंने पिछले साल पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था।

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली ने मीडिया से संबंधित एक समूह के साथ एक बैठक के दौरान पत्रकारों और संवाददाताओं के लिए आध्यात्मिकता की भावना रखने की आवश्यकता पर जोर दिया हैं।

पत्रकारिता एक ऐसी चीज है जिसका एक शरीर है, लेकिन पत्रकारिता का यह शरीर हर पत्रकार के पास नहीं है हर किसी के शरीर में यह आत्मा नहा होती है।

उन्होंने 'सादिक खबरी' और 'सादिक अलमुखबरी' की व्याख्या करते हुए कहा एक सच्ची खबर है और एक सादिक अलमुखबरी है, जैसे झूठी खबरें और झूठी खबरें होती हैं, यह रिपोर्टर की सच्चाई पर निर्भर करता है रिपोर्टर का मतलब होता है कि रिपोर्टर एक ईमानदार और सच्चा व्यक्ति होता है जिसके परिणामस्वरूप एक झूठी खबर लोगों तक पहुंच जाती है, लेकिन जो बात हम सभी के लिए जरूरी है वह है खबर की सत्यता और सूचना की सत्यता होना हैं।

उन्होंने कहा,अगर मीडिया से ताल्लुक रखने वाले लोग खबरों में सदाकत और सच्चाई को अपनी नजर में रखें और उसके बाद खबरों की तहलील और तज़्जिया करे तो कई विदेशी और फर्जी अखबार और मीडिया का दरवाजा बंद हो सकता है।

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