۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
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हौज़ा / जामिया मद्रासीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के प्रमुख आयतुल्लाह हुसैनी बुशहरी ने कहां,पत्रकारिता कोई पेशा नहीं बल्कि एक मिशन और ज़िम्मेदारी है,जैसे आलेमेदीन होना जो कि कोई पेशा नही बल्कि एक मिशन और ज़िम्मेदारी का नाम हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार,जामिया मद्रासीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के प्रमुख आयतुल्लाह हुसैनी बुशहरी ने सोमवार सुबह हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के पत्रकारों के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह आयत पढी
مَنْ عَمِلَ صالِحاً مِنْ ذَکرٍ أَوْ أُنْثی وَ هُوَ مُؤْمِنٌ فَلَنُحْیینَّهُ حَیاةً طَیبَةً وَ لَنَجْزِینَّهُمْ أَجْرَهُمْ بِأَحْسَنِ ما کانُوا یعْمَلُونَ .
और कहां,में हौज़ा ए इल्मिया सोशल मीडिया  का प्रबंधक हूं और हौज़ा न्यूज़ से जुड़े सभी लोगों को धन्यवाद देना ज़रूरी समझता हु, हाँ, हम आज आप लोगों को आपकी दैनिक पत्रकारिता के लिए धन्यवाद देने के लिए एकत्र हुए हैं।

उन्होंने हौज़ा ए इल्मिया के मीडिया सेंटर और सोशल मीडिया के मैनेजर हुज्जतुल इस्लाम अल मुस्लिमीन रूस्तामी और मीडिया से जुड़े हुए सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना अपना कर्तव्य समझते हैं।

उन्होंने आगे कहा यह दिन अहलै अलहरम के कैद के दिन हैं उन दिनों, कर्बला से लेकर सीरिया तक, अहल अलहरम की चार वर्षीय बेटी हज़रत सकीना पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा हैं।

हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख ने आगे कहां, इस अवसर पर हमें उन पत्रकारों को याद करना चाहिए जो पवित्र रक्षा के दौरान शहीद हुए जहाँ तक हम जानते हैं, गाजा युद्ध के दौरान 160 से अधिक पत्रकार शहीद हुए हैं याद रखना चाहिए।

हज़रत आयतुल्लाह हुसैनी बुशहरी ने कहां आशूरा की घटना भी एक बड़ी खबर है जिसे हज़रत ज़ैनब स.ल.ने दुनिया के सामने पेश किया हज़रत ज़ैनब (अ.स.) को एक व्यापक पत्रकार कहा जाना चाहिए जिन्होंने इस महान घटना को अपने उपदेश के माध्यम से पूरी दुनिया तक पहुंचाया और सभी को बताया कर्बला का संदेश किया हैं उनको कैसे शहीद किया गया इसी प्रकार इमाम सज्जाद (स.ल.) ने भी कर्बला की घटना की व्याख्या हैं।

मजलिस खबरगान के उपाध्यक्ष ने कहा: समाचार वही है जो तथ्यों पर आधारित हो अफवाहों को समाचार नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह केवल समाचार का आवरण धारण करता है इसमें समाचार के कोई गुण नहीं होते यह बात कुछ समय बाद सभी जानते हैं इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं था इसने केवल लोगों के दिमाग को गुमराह किया हैं।

आयतुल्लाह हुसैनी बुशहरी ने कहां,पत्रकारिता कोई पेशा नहीं बल्कि एक मिशन और ज़िम्मेदारी है,जैसे आलेमेदीन होना जो कि कोई पेशा नही बल्कि एक मिशन और ज़िम्मेदारी का नाम हैं।

अंत में उन्होंने हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के पत्रकारों की सराहना करते हुए पुरस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया।

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