۱۰ مهر ۱۴۰۳ |۲۷ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Oct 1, 2024
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हौज़ा / हसन नसरुल्लाह की शगादत पर रविवार से तीन दिवसीय शोक का आह्वान किया था इसमें लोगों से विरोध के तौर पर अपने घरों में काले झंडे फहराने और दुकानें बंद करने को कहा गया था इसी के चलते जगह-जगह बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लेबनान में हुई हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरुल्लाह की हत्या के विरोध में सैकड़ों लोगों ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पुराने शहर इलाके में प्रदर्शन किया कैंडल मार्च निकाले और इजराइल तथा अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की यह विरोध प्रदर्शन शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के आह्वान पर किया गया।

मौलाना ने नसरुल्लाह की मौत पर रविवार से तीन दिवसीय शोक का आह्वान किया है इसमें लोगों से विरोध के तौर पर अपने घरों में काले झंडे फहराने और दुकानें बंद करने को कहा गया है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा जगहों पर विरोध प्रदर्शन और शोकसभाएं आयोजित करने की अपील भी की गयी है।

सआदतगंज के रुस्तम नगर स्थित दरगाह हजरत अब्बास में रविवार की रात नसरुल्लाह की ‘शहादत’ की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया इसमें इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की गयी।

साथ ही केन्द्र सरकार से मांग की गयी कि जिन लोगों ने नसरुल्लाह की हत्या की है उनके खिलाफ वह संयुक्त राष्ट्र के जरिये आवाज उठाये। इससे पहले, छोटे इमामबाड़ा से बड़े इमामबाड़ा तक ‘कैंडल मार्च’ निकाला गया।

लोगों ने हाथों में काले झंडे और मशाल भी लेकर इजराइल और अमेरिका के खिलाफ नाराजगी जाहिर की कई प्रदर्शनकारी नसरुल्लाह की तस्वीरें पकड़े हुए थे। अन्य अलग अलग इलाकों से भी पदयात्राएं निकाली गयीं जो दरगाह हजरत अब्बास में जाकर सभा में तब्दील हो गयीं।

मौलाना जव्वाद ने एक बयान में कहा कि इजराइल ने अमेरिका की शह पाकर तमाम नियमकायदों और इंसानी तकाजों को तार तार करते हुए फलस्तीन के गाजा और लेबनान देश में घुसकर हजारों लोगों को मार डाला हैं।

उन्होंने मीडिया के एक वर्ग द्वारा हिज्बुल्ला प्रमुख रहे नसरुल्लाह को आतंकवादी बताये जाने की निन्दा करते हुए कहा अपनी सरहदों की हिफाजत कौन नहीं करता? अगर अपने हक के लिये लड़ाई लड़ना दहशतगर्दी है तो यह नजरिया वही है जिसके तहत कुछ लोग शहीद—ए—आजम भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद को आतंकवादी कहते हैं।

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