हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 मई को अमेरिका में मुरदाबाद दिवस के सिलसिले में पूरे पाकिस्तान की तरह कराची विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भी एक विरोध रैली का आयोजन किया।
प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सामने शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया।
रिपोर्ट के अनुसार, कराची में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने दो छात्रों को गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
इस मौके पर पुलिस को यह विश्वास दिलाया गया कि उत्पीड़ित फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हमारा संवैधानिक अधिकार है, अगर हमारे कार्यकर्ताओं को फिर से गिरफ्तार किया गया तो देश भर में विरोध प्रदर्शन होंगे और पुलिस स्टेशनों का घेराव किया जाएगा।
वैश्विक साम्राज्यवादी अमेरिका और हड़पने वाले इजराइल के खिलाफ अमेरिकी विश्वविद्यालयों से शुरू हुआ विरोध आंदोलन पूरी दुनिया में फैल गया है।
यह याद रखना चाहिए कि 12 साल पहले, शहीद अली रज़ा तकवी को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सामने पवित्र पैगंबर (पीबीयूएच) के अपमान के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान अमेरिकी सैनिकों द्वारा शहीद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में पैगंबर मुहम्मद (पीबीयूएच) की शान में निंदनीय कार्टूनों के प्रकाशन के खिलाफ लाखों लोगों ने कराची में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर विरोध प्रदर्शन किया, इस दौरान अली रजा तकवी शहीद समेत कई युवा मौजूद थे। सबसे आगे उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर "लबैक या रसूलुल्लाह, लबैक या मुहम्मद" का झंडा फहराने की कोशिश की, जब शहीद अली रज़ा तकवी ने आतंकवाद और शैतानवाद के केंद्र अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के दरवाजे की ओर बढ़ते ही यह निर्णय लिया। अमेरिका शहीद अली रजा तकवी को दूतावास के अंदर दुश्मन दूत ने निशाना बनाया।
ज्ञात हो कि संयुक्त राज्य अमेरिका में कब्ज़ा करने वाले ज़ायोनीवादियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने पर 50 शिक्षकों और 2400 छात्रों को गिरफ़्तार किया गया है।