हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामी जम्हूरिया ईरान की अनुरोध पर OIC (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) की एक महत्वपूर्ण बैठक सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आयोजित हुई थी जिसके समापन पर एक संयुक्त बयान जारी किया गया हैं।
OIC बैठक के समापन पर इस्लामी देशों ने ईरान और अन्य देशों की संप्रभुता के बारे में दुनिया को चेतावनी देते हुए ग़ासिब ज़ायोनी सरकार को हथियारों की आपूर्ति रोकने की मांग की है।
अलग़द न्यूज़ के अनुसार, OIC और अरब लीग के नेताओं की बैठक के समापन पर प्रतिभागियों ने एक समापन बयान जारी किया है।
सऊदी राजधानी रियाद में हुई इस बैठक में 50 से अधिक देशों के प्रमुख और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
समापन बयान में ग़ाज़ा और लेबनान में सियानी आक्रामकता पर चिंता व्यक्त करते हुए ईरान और क्षेत्र के अन्य देशों की संप्रभुता के संबंध में सियानी सरकार को चेतावनी दी गई है।
बयान में यरुशलम पर फिलिस्तीनी राज्य की प्रभुता को मान्यता देते हुए ग़ासिब इज़राईल सरकार को हथियारों की आपूर्ति रोकने की मांग की गई है।
प्रतिभागियों ने संयुक्त राष्ट्र और इसके प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के खिलाफ इज़राईल सरकार के बयानों और हमलों की निंदा की है।
बयान में यरुशलम, वेस्ट बैंक और ग़ज़ा के फिलिस्तीनी राज्य में पूर्ण सहभागिता को मान्यता देने की मांग की गई है।
समापन बयान में सुरक्षा परिषद से मांग की गई है कि इज़राईल सरकार को क्षेत्र की सुरक्षा के खिलाफ कदम उठाने से रोके।
बयान में बेघर फिलिस्तीनियों के घर वापसी के अधिकार को न्यायसंगत माना गया है।इस्लामी देशों ने इज़राईल सरकार द्वारा यरुशलम को यहूदी बनाने और यहूदी बस्तियों के निर्माण की योजनाओं का विरोध किया है।
OIC ने यरुशलम को इस्लामी और अरब देशों के लिए 'रेड लाइन' घोषित किया है और इस शहर की इस्लामी और अरबी पहचान को बनाए रखने को अपनी ज़िम्मेदारी माना है।
बयान में प्रतिभागियों ने लेबनान के साथ पूर्ण एकजुटता और समर्थन व्यक्त करते हुए उसकी सुरक्षा और संप्रभुता के सम्मान पर जोर दिया है।