रविवार 21 दिसंबर 2025 - 11:11
नाटो और तुर्की सेनाओं की मौजूदगी में हथियार छोड़ना संभव नहीं

हौज़ा / हिज़्बुल्लाह इराक़ ने एक बयान में कहा है कि जब तक जोलानी से जुड़े समूहों और अन्य तत्वों से उत्पन्न खतरों के मुक़ाबले में आम जनता और इराक़ी मुक़द्दस स्थलों की पूरी सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती, प्रतिरोध हथियारबंद ही रहेगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हिज़्बुल्लाह इराक़ ब्रिगेड्स ने एक बयान जारी करते हुए घोषणा की है कि प्रतिरोधी हथियारों के भविष्य को लेकर इराक़ी सरकार के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत केवल उसी स्थिति में संभव होगी, जब नाटो की सभी सेनाएँ और तुर्की सेना पूरी तरह इराक़ी धरती से बाहर निकल जाएँ।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, हिज़्बुल्लाह इराक़ ब्रिगेड्स ने अपने बयान में कहा कि जब तक नाटो सेनाएँ, विदेशी क़ब्ज़ाकारी ताक़तें और तुर्की सेना इराक़ में मौजूद हैं, तब तक प्रतिरोध किसी भी सूरत में अपने हथियार नहीं छोड़ेगा।

बयान में कहा गया कि प्रतिरोध एक वैध अधिकार है और उसके हथियार मुजाहिदीन के हाथों में बने रहेंगे। साथ ही यह भी कहा गया कि प्रतिरोध के हथियार मुजाहिदीन के पास एक अमानत हैं, जिन्हें परिवारों, भूमि, इराक़ी संप्रभुता और मुक़द्दस स्थलों की रक्षा के लिए उनको सुपुर्द किया गया है।

बयान में आगे कहा गया कि पूर्ण राष्ट्रीय संप्रभुता की स्थापना और जनता व मुक़द्दस स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित होने से पहले हथियार छोड़ना एक व्यक्तिगत निर्णय होगा, जिसे कोई सामान्य सिद्धांत नहीं बनाया जा सकता। इराक़ की पूर्ण संप्रभुता की प्राप्ति, व्यापक सुरक्षा नियंत्रण का कार्यान्वयन और हर प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप का अंत राज्य के पास हथियारों के पूर्ण एकाधिकार पर किसी भी चर्चा के लिए बुनियादी शर्तें हैं।

जब तक जौलानी से जुड़े समूहों और अन्य तत्वों से उत्पन्न खतरों के मुक़ाबले में जनता और इराक़ी मुक़द्दस स्थलों की पूर्ण सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती, प्रतिरोध के हथियार मुजाहिदीन के हाथों में बने रहेंगे।

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