हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान असेंबली ऑफ उलेमा के प्रमुख शेख गाज़ी यूसुफ़ हनिया ने आज सुबह शाह चिराग की दरगाह में आयोजित सम्मेलन "सर्वोच्च नेता के क़ुरआनी विचार और दृष्टिकोण" में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा, ''हम जिहाद और नुसरत की धरती लेबनान से आए हैं, जहां चौदह महीने से लोगों का संघर्ष चल रहा है।''
उन्होंने कहा कि "लेबनान में सय्यद हसन नसरुल्लाह और हाशिम सफीउद्दीन जैसे महान शहीद हैं, जो वहां के शिया और सुन्नी लोगों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं और ये लोग सर्वोच्च नेता का अनुसरण करते हैं।"
लेबनान असेंबली ऑफ उलेमा के प्रमुख ने कहा कि "लेबनान के लोगों को सर्वोच्च नेता के मार्गदर्शन से लाभ होता है। सैय्यद हसन नसरल्लाह ने अपना आधे से अधिक जीवन लेबनान और हिजबुल्लाह के लोगों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया, यही कारण है कि सैय्यद हसन नसरल्लाह रास्ता जारी है। उन्होंने लेबनानी लोगों को जिहाद और बलिदान का प्रतिरोध करना सिखाया।"
शेख गाजी यूसुफ हनिया ने कहा कि "हिजबुल्लाह और हमास के इस्लामी प्रतिरोध के युवा सर्वोच्च नेता के मार्गदर्शन को सुनते हैं और उनसे अपना साहस और ताकत प्राप्त करते हैं।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि "जिस तरह सैय्यद हसन नसरुल्लाह से पहले प्रतिरोध के नेताओं की शहादत ने हिज़्बुल्लाह की ताकत को नहीं रोका, उसी तरह सैय्यद हसन की शहादत भी प्रतिरोध की ताकत को नहीं रोक सकती, क्योंकि हम कुरान पढ़ते हैं।"