۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
जामिया

हौज़ा / जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम ने पाराचिनार में हुई शिया नरसंहार के खिलाफ निंदानीय बयान जारी करते हुए कहा कि पाराचिनार में अहल ए बैत अ.स.के मानने वाले बड़ी संख्या में शहीद हुए। इस घटना ने एक बार फिर तकफीरी ताकतों के घिनौने और क्रूर चेहरे को बेनकाब कर दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम ने पाराचिनार में हुई शिया नरसंहार के खिलाफ निंदानीय बयान जारी करते हुए कहा कि पाराचिनार में अहल-ए-बैत अ.स.के अनुयायियों की बड़ी संख्या में शहादत ने एक बार फिर तकफीरी ताकतों के घिनौने और बर्बर चेहरे को उजागर कर दिया है।

निंदानीय बयान का पाठ कुछ इस प्रकार है

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

पाकिस्तान के पाराचिनार क्षेत्र में हुआ आतंकवादी हमला जिसमें अहल-ए-बैत अ.स. के मानने वाले बड़ी संख्या में शहीद हुए,एक बार फिर तकफीरी ताकतों की घिनौनी और क्रूर हकीकत को उजागर कर दिया है और दिलों को गहरे दुःख से भर दिया है।

इस्तेकबार और ज़ायोनी साजिशों के एजेंट इन अपराधों के जरिए पाकिस्तान में शिया और अहले सुन्नत मुसलमानों के बीच एकता को नुकसान पहुंचाने और धार्मिक फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उम्मत-ए-इस्लामिया को इस्लाम के दुश्मनों के खिलाफ एकजुट होने से रोका जा सके।

यह साजिश जो ज़ायोनी खुफिया एजेंसियों और थिंक टैंक्स की योजनाओं का परिणाम हैचाहे जितनी जटिल और संगठित हो उलेमा और अवाम के धैर्य, समझदारी और उनके मार्गदर्शन से विफल हो जाएगी। इस साजिश के पीछे छुपे हुए हाथ बेनकाब होंगे।

पाकिस्तान की सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अगर इन शैतानी एजेंटों की साजिशों का कड़ा मुकाबला नहीं करतीं तो ये घटनाएं देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं। इन साजिशों के अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाना और पीड़ित शियाओं के खून की हिफाज़त करना अत्यंत आवश्यक है।

जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम इस घटना में शहीद हुए लोगों के परिवारों पाराचिनार के निवासियों और पाकिस्तान के जुझारू उलेमा को संवेदना प्रकट करता है साथ ही शहीदों की आत्मा की शांति उनकी मग़फिरत और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता है।

जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम

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