हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , क़ुम में क़ायदे मिल्लत-ए-जाफ़रिया पाकिस्तान आल्लामा सैयद साजिद अली नक़वी के दफ्तर की ओर से पाराचिनार, फ़िलिस्तीन, और लेबनान के शहीदों की याद में एक भव्य मजलिस ए तरहीम आयोजित की गई। इस मजलिस को शिया उलमा काउंसिल पाकिस्तान के उपाध्यक्ष आल्लामा आरिफ़ वाहिदी ने संबोधित किया।
अल्लामा आरिफ वाहिदी ने कहा कि शिया क़ौम ने हर दौर में कुर्बानियां दी हैं शहीदों की इन कुर्बानियों के कारण बड़े से बड़ा ज़ालिम भी शियाओं को हार नहीं सका। हम कुरआन और अहले बैत अ.स. से जुड़े रहते हैं, यही कारण है कि कामयाबी हमारी किस्मत है और हार हमारे दुश्मनों का नसीब।
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि बनी उमैया और बनी अब्बास से लेकर आज तक अमेरिका और इज़राइल जैसी ताकतों ने शियाओं को खत्म करने की कोशिश की लेकिन हर बार नाकाम रहे। पाराचिनार में भी दुश्मन अपने नापाक इरादों में असफल होगा।
अल्लामा आरिफ वाहिदी ने कहा कि हमने मिली यकजहती काउंसिल के मंच से पाकिस्तान के अहले सुन्नत से संपर्क किया है। जल्द ही अहले सुन्नत के वरिष्ठ उलमा के साथ मिली यकजहती काउंसिल का एक प्रतिनिधिमंडल पाराचिनार जाएगा और शहीदों के परिवारों से मुलाकात करेगा।
उन्होंने लेबनान और फ़िलिस्तीन में ग़ासिब इज़राइली हुकूमत की आक्रामकता का जिक्र करते हुए कहा कि इज़राइल ने अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करने के बावजूद ग़ज़ा में प्रतिरोध को खत्म नहीं कर पाया और लेबनान में भी उसे हार का सामना करना पड़ा।
अल्लामा आरिफ वाहिदी ने कहा कि ईरान ने "वादा सादिक 2" ऑपरेशन के तहत इज़राइल की कमर तोड़ दी पाकिस्तान के रक्षा विश्लेषकों ने ईरान के मिसाइल हमलों को बेहद सफल बताया है। इसके विपरीत इज़राइल ने जवाबी कार्रवाई के लिए अमेरिका के सामने मिन्नतें कीं और सीमित स्तर पर हमला किया जो उसकी कामयाबी नहीं बल्कि नाकामी है। इस असफलता ने इज़राइल के घमंड को चूर-चूर कर दिया।