सोमवार 2 दिसंबर 2024 - 15:51
बिहार; हौज़ा ए इल्मिया अयातुल्ला खामेनेई भीखपुर मे यादे खातून-ए-जन्नत मे बजमे मुसालेमा का आयोजन

हौज़ा / हर साल अय्याम-ए-फ़ातिमिया के मौके पर बिहार प्रांत में शायर अपनी अभिव्यक्ति को कविताओं के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए, रविवार, 1 दिसंबर, 2024 को होज़ा उलमिया अयातुल्ला खामेनेई भीकपुर में "यदा-ए खातून-ए-जन्नत" शीर्षक के तहत बज़्म-ए-मसलमा आयोजित किया गया था।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, भीखपुर, बिहार की रिपोर्ट के अनुसार/हर साल अय्याम-ए-फ़ातिमिया के मौके पर बिहार प्रांत में शायर अपनी अक़ीदत को अशआर के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए, रविवार, 1 दिसंबर, 2024 को होज़ा उलमिया अयातुल्ला खामेनेई भीकपुर में "यदा-ए खातून-ए-जन्नत" शीर्षक के तहत बज़्म-ए-मुसालेमा आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम की शुरुआत मगरिब की नमाज़ के बाद पवित्र कुरान के पाठ से हुई, और इसका मरकज़ी आयत थी "अहमद के घराने पे ये कयामत की घड़ी है"। कार्यक्रम की देखरेख मौलाना सैयद शमा मुहम्मद रिजवी किबला व काबा ने की।

इफ्तेताही तकरीर मौलाना सैयद फैज़ रिज़वी ने की, जबकि इख्तेतामी तकरीर मौलाना सैयद सादिक ज़फ़र रिज़वी ने की।

समारोह में अपने शब्दों से श्रोताओं को महजूज करने वाले शायरों में अमर रिज़वी, गुलाम नजफ रिज़वी, आसिफ अब्बास रिज़वी, फफदार हुसैन रिज़वी, इंतिज़ार हुसैन रिज़वी, इक़बाल हुसैन वकील सीवान और अनवर भीखपुरी शामिल थे।

समारोह में उपस्थित लोगों ने न सिर्फ अशआर की सराहना की, बल्कि इस यादगार बज़म मे प्रेमियों ने अपनी भक्ति का परिचय दिया।

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