मंगलवार 4 फ़रवरी 2025 - 14:30
मस्जिदों का उपयोग इस्लामी मूल्यों के प्रचार और नई पीढ़ी के प्रशिक्षण के लिए किया जाना चाहिए

हौज़ा / ईरान के शहर बराजज़ान के इमाम जुमआ ने कहा,मस्जिदों को इस्लामी मूल्यों के प्रचार और आने वाली पीढ़ियों के प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और इन पवित्र स्थलों की मौजूदा क्षमताओं का पूरा लाभ उठाया जाना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , शहर बराज़जान के इमाम जुमआ हुज्जतुल इस्लाम हसन मुसलेह ने मस्जिद इमाम हुसैन अ.स. बराज़जान में नमाज़ियों के जमघट को संबोधित करते हुए इमाम हुसैन अ.की कुर्बानी और त्याग पर प्रकाश डाला।

उन्होंने रोज़ ए आशुरा के अवसर पर इमाम हुसैन अ. की सच्चाई बहादुरी और बलिदान जैसी महान विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा,हज़रत इमाम हुसैन अ.स.सत्य की खोज और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष की पहचान हैं जो हमेशा मुसलमानों के दिलों में ज़िंदा रहेंगे और न्याय व सच्चाई की रक्षा के मार्ग में दृढ़ संकल्प का सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा, हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इमाम हुसैन अ.स.की सीरत जीवन शैली पर अमल करना बेहद ज़रूरी है क्योंकि यही इंसाफ की स्थापना और मानव गरिमा की सुरक्षा का मार्ग है।

इमाम जुमाआ हुज्जतुल इस्लाम हसन मुसलेह ने आगे कहा,इमाम हुसैन अ.स. ने हमें सिखाया कि इंसानी और इस्लामी मूल्यों की प्राप्ति के लिए जान और माल की कुर्बानी दी जा सकती है आप अ.स.पूरी दुनिया के स्वतंत्रता प्रेमियों और न्याय चाहने वालों के लिए एक सार्वभौमिक आदर्श हैं।

हुज्जतुल इस्लाम हसन मुसलेह ने मस्जिदों की सांस्कृतिक और सामाजिक भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा,मस्जिदें ईमान को मज़बूत करने और सामाजिक एकता को बढ़ाने का केंद्र हैं।

उन्होंने कहा,मस्जिदों को इस्लामी मूल्यों के प्रचार और आने वाली पीढ़ियों के प्रशिक्षण के लिए उपयोग किया जाना चाहिए और उनकी मौजूद क्षमताओं को प्रभावी ढंग से काम में लाना चाहिए।

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