सोमवार 16 दिसंबर 2024 - 13:53
दीन,अकीदा और हुकुमतदारी के दृष्टिकोण से हौज़ा ए इल्मिया और विश्वविद्यालय के बीच समानता पाई जाती है

हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवाद़ी आमुली ने अपने दर्स ए ख़ारिज फ़िक़्ह के दौरान हौज़ा ए इल्मिया और विश्वविद्यालय के बीच एकता पर बल देते हुए फरमाया कि हौज़ा और विश्वविद्यालय एक दूसरे से अलग नहीं हैं बल्कि धर्म विचारधारा, विश्वास और शासन के मामलों में आपस में जुड़े और एकजुट रहे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवाद़ी आमुली ने अपने दर्स ए ख़ारिज फ़िक़्ह के दौरान हौज़ा ए इल्मिया और विश्वविद्यालय के बीच एकता पर बल देते हुए फरमाया कि हौज़ा और विश्वविद्यालय एक दूसरे से अलग नहीं हैं बल्कि धर्म विचारधारा, विश्वास और शासन के मामलों में आपस में जुड़े और एकजुट रहे।

आयतुल्लाह जवाद़ी आमुली ने कहा,सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि समय की ज़रूरतों से खुद को जोड़ना है जो लोग हौज़ा में रहते हैं उन्हें हौज़ा के तरीके से जीवन बिताना चाहिए लेकिन सोचने का ढंग विश्वविद्यालय के अनुसार होना चाहिए। इसी तरह जो लोग विश्वविद्यालय में रहते हैं उन्हें विश्वविद्यालय के माहौल में जीवन जीते हुए हौज़ा की सोच को अपनाना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि अतीत में हौज़ा और विश्वविद्यालय अलग नहीं थे इब्ने सीना और उनके समकालीनों के दौर में एक ही स्थान पर विभिन्न विज्ञानों की शिक्षा दी जाती थी उस समय साहित्य, फ़िक़्ह, उसूल, गणित, चिकित्सा और अन्य विषय एक साथ पढ़ाए जाते थे।

उन्होंने आगे कहा,जब विज्ञान और विषयों में विस्तार हुआ तो हौज़ा और विश्वविद्यालय अलग हो गए लेकिन यह विभाजन केवल बाहरी था धर्म, विचार, विश्वास और शासन के दृष्टिकोण से ये दोनों आज भी एक ही मूल आधार पर खड़े हैं।

हज़रत आयतुल्लाह जवाद़ी आमुली ने इस बात पर ज़ोर दिया,हौज़ा और विश्वविद्यालय के बीच यह वैचारिक और धार्मिक एकता बनी रहनी चाहिए ताकि देश के मुद्दों को बेहतर तरीके से हल किया जा सके।

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