हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , सूबा ए मरकज़ी में वली ए फ़क़ीह के नुमाइंदे आयतुल्लाह क़ुरबान अली दरी नजफ़आबादी ने शहीद क़ासिम सुलैमानी की पांचवीं बरसी के मौके पर जारी अपने संदेश में कहा,यह महान शहीद ज़ुल्म और अन्याय के खिलाफ प्रतिरोध की प्रतीक हैं और आधुनिक ईरानी व क्षेत्रीय इतिहास में उनका एक अनोखा स्थान है उनकी याद हमेशा क़ौमों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
आयतुल्लाह दरी नजफ़आबादी ने कहा,पाँच साल गुज़र चुके हैं जब इस बहादुर फ़ौजी सिपाह-ए-कुद्स के मशहूर कमांडर शहीद क़ासिम सुलैमानी को शहीद किया गया।
वैश्विक अहंकार और स्वतंत्रता-प्रेमी क़ौमों के खूंखार दुश्मन, जिनकी अगुवाई शैतानी राज्य आतंकवाद और आपराधिक यहूदीवाद कर रहे थे ने हमारे अज़ीज़ सालार और उनके साथी मुजाहिदीन के खून को बहाकर दुनिया को अपनी असली सूरत दिखा दी।
लेकिन वे यह नहीं जानते थे कि जैसे 61 हिजरी में कर्बला के शहीदों के पवित्र खून ने इस्लाम को और ज़िंदा कर दिया था वैसा ही यहां भी है।
उन्होंने कहा,सालार सुलैमानी तमाम पीढ़ियों के लिए एक बेहतरीन आदर्श हैं वे निस्संदेह इस्लामी क्रांति और रक्षा आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे।
आयतुल्लाह दरी नजफ़आबादी ने कहा,रहबर-ए-मुअज़्ज़म ने शहीद सुलैमानी की शहादत के मौके पर अपने संदेश में उन्हें इस्लाम के प्रशिक्षित और इमाम ख़ुमैनी रह. के मक़तब के शिष्य कहा उनके आचरण, व्यवहार और जीवन के हर पहलू में इस मक़तब की झलक साफ़ देखी जा सकती है।
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