हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम मौलाना क़ल्बे जवाद नक़वी ने पाराचिनार और ग़ाज़ा पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने कहा कि यह हमले इंसानियत के खिलाफ गंभीर अपराध हैं इन हमलों में मासूम नागरिकों, महिलाओं, और बच्चों की हत्या अस्वीकार्य है। मौलाना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इन घटनाओं का तुरंत संज्ञान लिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह हमले न केवल शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन हैं मौलाना क़ल्बे जवाद ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की और मांग की कि इन हमलों के दोषियों को इंसाफ के कटघरे में लाया जाए।
मौलाना ने पाराचिनार और ग़ाज़ा के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने के कारण क़िब्ला हसन जफर साहब को निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा की। उन्होंने पाराचिनार और ग़ाज़ा के विरोध प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं है।
उन्होंने कहा कि पहले भी इस राह में शहीद हुए लोगों के लिए हम उनके दर्जों की बुलंदी की दुआ करते हैं और उनके परिजनों के लिए सब्र की कामना करते हैं। साथ ही उन्होंने विरोध प्रदर्शन में घायल हुए लोगों के लिए शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की।
मौलाना क़ल्बे जवाद नक़वी ने पाकिस्तान की शिया क़ियादत से आग्रह किया कि सभी मिलकर एकजुटता के साथ विरोध प्रदर्शन को जारी रखें। उन्होंने जनता से अपील की कि वे नेतृत्व के फैसलों का सम्मान करें और उनका पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा,इतिहास गवाह है कि जहां भी जनता ने उलमा और नेतृत्व का साथ दिया है, वहां उन्हें सफलता मिली है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग पाराचिनार और ग़ाज़ा के घटनाक्रम को अलग-अलग घटनाओं के रूप में देखते हैं जबकि दोनों ही स्थानों पर ज़ुल्म हो रहा है और दोनों ही घटनाएं निंदा के योग्य हैं।
मौलाना क़ल्बे जवाद ने पाराचिनार और ग़ाज़ा के मजलूमों के साथ अपनी एकजुटता प्रकट की और ज़ुल्म के खिलाफ खड़े होने की अपील की हैं।
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