हौज़ा न्यूज़ एजेंसी ने पाकिस्तानी गैर-आधिकारिक मीडिया के हवाले से कहा कि पाकिस्तान सरकार और राज्य मुट्ठी भर उपद्रवियों के सामने असहाय हैं, जबकि धरना में भाग लेने वालों ने धारा 144 के आदेश का उल्लंघन किया है और कर्फ्यू और पारा चनार की घेराबंदी कर दी है 90 दिन पूरे हो गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, काफिला तीन दिनों से रुका हुआ है, जबकि धारा 144 और कर्फ्यू लागू होने के बावजूद उपद्रवी मंदोरी में शांति समझौते का उल्लंघन करते हुए बैठे हुए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनाज, दवाइयां, पेट्रोल, गैस और जीवन की अन्य जरूरतें पाराचिनार तक नहीं पहुंच सकीं।
दुष्ट तत्वों की शरारत के कारण जानबूझकर तलपारा चिनार मुख्य राजमार्ग को नहीं खोला जा रहा है, ताकि इन शहरी आबादी का नियमित नरसंहार किया जा सके।
गौरतलब है कि समझौते के अनुसार जब डिप्टी कमिश्नर और काफिले पर हमला होता तो हस्ताक्षरित समझौते को लागू किया जाता और आतंकी ठिकाने "बागान" पर ऑपरेशन, जुर्माना और सजा दी जाती, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. और इन दुष्ट तत्वों को सुविधा और किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचाया जा रहा है।
अमन जिरगा और समझौते पर हस्ताक्षर के बावजूद, सोशल मीडिया पर विश्व स्तर पर पारा चिनार मार्गों को बंद करने की आवाज उठाई जा रही है।
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