मंगलवार 31 दिसंबर 2024 - 16:50
पाराचिनार के रास्तों की बंदिश बेहद अफसोसनाक है जल्द रास्ते खोले जाएं

हौज़ा / वफ़ाक़ुल मदारिस शिया पाकिस्तान के अध्यक्ष आयतुल्लाह सैयद हाफिज रियाज़ नजफ़ी ने जामे अली मस्जिद में एक ख़ुत्बे के दौरान नमाज़ के महत्व पर चर्चा की उन्होंने पाराचिनार के बंद रास्तों को तुरंत खोलने की मांग की और इसे अत्यंत दुखद बताया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , वफाक़ुल मदारिस शिया पाकिस्तान के अध्यक्ष आयतुल्लाह हाफिज सैयद रियाज़ हुसैन नजफ़ी ने जामे अली मस्जिद हौज़ा इल्मिया जामेअतुल मुन्तज़िर मॉडल टाउन, लाहौर में फलसफा-ए-नमाज़ पर बयान देते हुए कहा,इंसान इस दुनिया में खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही वापस जाता है नमाज़ का फलसफा यही है कि सब इंसान बराबर हैं।

उन्होंने कहा,हुक्म है कि रसूल-ए-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व आलेहि वसल्लम जो कुछ दें उसे ले लो और जिससे रोकें उससे रुक जाओ।

आयतुल्लाह ने आगे कहा,रिवायतों के मुताबिक रसूल ए अकरम स. जुमआ की नमाज़ के लिए बाकायदा तैयारी करते थे आप मिस्वाक करते और खुशबू लगाकर जुमा की नमाज़ के लिए जाते थे लेकिन आज के दौर में ऐसा नहीं होता।

उन्होंने कहा,रुकू की हालत में जिस तरह हम अल्लाह के लिए झुकते हैं उसी तरह किसी और के सामने झुकना जायज़ नहीं है आयतुल्लाह ने कहा,नमाज़ इंसान के लिए मेराज है जब इंसान सज्दा करता है तो यह इकरार करता है कि मैं एक ज़लील बंदा हूं और बुलंद व बाला सिर्फ अल्लाह की ज़ात है।

उन्होंने बताया,नमाज़ में खलूस तब होगा जब इंसान के ज़ेहन में कोई दूसरा ख़्याल न हो नमाज़ के दौरान ख़्यालों से बचने के लिए इमाम जाफर सादिक अ.स. फरमाते हैं कि अगर ख़्यालों से बचना है तो नमाज़ का तर्जुमा याद करें और उस पर ध्यान दें।

आयतुल्लाह हाफिज रियाज़ ने कहा, सूरा-ए-फातिहा ज़िंदगी है मौत के लिए ख़ास नहीं अगर किसी मरे हुए इंसान पर 70 बार सूरा-ए-फातिहा पढ़ा जाए और वह ज़िंदा हो जाए तो इसमें ताज्जुब की बात नहीं।

उन्होंने कहा,हमारे आमाल हर शब ए जुमआ इमाम ए ज़माना अ.स.की बारगाह में पेश किए जाते हैं एक बार कुछ लोग इमाम सादिक अ.स.के पास आए।

इमाम ने कहा,तुम लोग रसूलुल्लाह स.को क्यों तकलीफ़ देते हो? उन्होंने पूछा, ‘मौला, यह कैसे?’ इमाम ने फरमाया, ‘तुम्हारे सारे आमाल हर जुमा रसूलुल्लाह (स.) की बारगाह में जाते हैं और इसी तरह हर जुमा वक्त के इमाम की खिदमत में भी पेश होते हैं।

आयतुल्लाह ने कहा,नमाज़ छिपी और ज़ाहिर हर तरह की बुराई से इंसान को बचाती है।

उन्होंने पाराचिनार के रास्तों की बंदिश की सख्त मज़म्मत करते हुए उन्हें तुरंत खुलवाने की मांग की और शुहदा के लवाहिकीन शहीदों के परिवारों से हमदर्दी का इज़हार भी किया है।

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