हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों पारा चिनार में हुई दुखद त्रासदी ने हर दिल को झकझोर कर रख दिया है, जिसका दर्द शब्दों से परे है और मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं।
उन्होंने कहा कि यह घटना हृदय विदारक, रूह कंपा देने वाली और आंखों में पानी ला देने वाली त्रासदी है जिसका दुख शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता. जहां क्रूरता और निर्दयता से निर्दोष लोगों की जान ले ली जाती है, वही निर्दोष पुरुष, महिलाएं और मासूम बच्चे भी इन हैवानों की क्रूरता से पीड़ित होते हैं।
आग़ा साहब ने कहा कि वहां जो भी निर्णय लिया जाता है, सेना उसे व्यवहार में लागू करने में असमर्थ दिखती है।
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