हौज़ा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हुज्तुल इस्लाम वल मुस्लिमीन डॉ. नासिर रफ़ीई ने बैठक में माह-ए-रजब के खास दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि पैगंबर इस्लाम (स) ने एक हदीस में अमीरुल मोमिनीन (अ) को 40 नसीहतें दी थीं। उन्होंने कहा कि जो शख्स इन 40 बातों पर अमल करेगा और इन्हें अपनी ज़िंदगी में बनाए रखेगा, वह जन्नत में दाखिल होगा और सभी पैगंबरों और सिद्दीक़ीन के बाद सबसे उत्तम होगा।
डॉ. रफ़ीई ने इस हदीस के कुछ अंश को बताते हुए कहा कि पैगंबर इस्लाम (स) ने इमाम अली (अ) से कहा था कि कभी भी दुनिया को आख़िरत पर तरजीह मत दो, क्योंकि दुनिया नाशवान है और आख़िरत हमेशा रहने वाली है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा में कंजूसी नहीं करनी चाहिए और यह कि हमारा आंतरिक और बाहरी रूप समान होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अपनी, अपने परिवार, रिश्तेदारों और जानने वालों की सही तालीम देना और उस चीज़ पर अमल करना, जिस पर हमें यकीन हो, ये पैगंबर इस्लाम (स) की दो और अहम नसीहतें हैं।
इस बैठक के दौरान कांफ्रेंस के वैज्ञानिक और प्रशासनिक सचिव, हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अब्दुल मोहमदी और हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन ओसिया ने भी कांफ्रेंस के आयोजन पर अपने विचार साझा किए।
डॉ. रफ़ीई ने कांफ्रेंस के आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विभिन्न केंद्रों और संस्थाओं ने इस कांफ्रेंस का व्यापक स्वागत किया है।
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