हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रमुख आशीम स्टेनर ने गाजा के विकास में हुई अपार तबाही और पुनर्निर्माण में होने वाले खर्च का जिक्र किया है। स्टेनर ने कहा कि इजराइली युद्ध ने गाजा को 60 साल पीछे धकेल दिया है, और फिलिस्तीन के क्षेत्र की पुनर्निर्माण के लिए अरबों डॉलर की आवश्यकता होगी।
उन्होंने बताया कि गाजा की लगभग 65-70% इमारतें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं या उन्हें गंभीर नुकसान हुआ है। इसके साथ ही गाजा के 2 मिलियन नागरिकों ने न केवल अपने घर खोए हैं, बल्कि बुनियादी सुविधाओं जैसे कि पानी, सीवेज और कचरा प्रबंधन के सिस्टम भी नष्ट हो गए हैं। इससे गाजा के लोगों के लिए जीवन जीने की परिस्थितियाँ बेहद कठिन हो गई हैं।
स्टेनर ने कहा कि युद्ध से पहले गाजा के लोग व्यापार में निवेश, बचत और ऋण की मदद से अपनी स्थिति बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब यह सब कुछ समाप्त हो चुका है। इसलिए, गाजा के पुनर्निर्माण में सिर्फ बुनियादी ढांचे का निर्माण ही नहीं, बल्कि एक मानसिक पुनर्निर्माण की आवश्यकता भी होगी।
इस पुनर्निर्माण प्रक्रिया में कई सालों का समय लग सकता है, क्योंकि न सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर का पुनर्निर्माण करना है, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को भी दोबारा खड़ा करना होगा। इसके लिए अरबों डॉलर की आवश्यकता होगी और इस वित्तीय संकट को हल करना भी एक बड़ा चुनौतीपूर्ण काम होगा।
मलबे को हटाना भी एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इसमें शव भी हो सकते हैं और विस्फोटक सामग्री भी हो सकती है। इसके लिए एक अस्थायी डंपिंग सिस्टम की जरूरत होगी, जिससे मलबे को सही तरीके से हटाया जा सके।
कुल मिलाकर, गाजा की स्थिति बहुत ही गंभीर है और इसके पुनर्निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर संसाधन और समय की जरूरत होगी। याद रहे कि इजरायली हमले के कारण फिलिस्तीन क्षेत्र में 47,000 से अधिक फिलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, जबकि 1,10,000 से अधिक घायल हुए हैं।
आपकी टिप्पणी