हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,गुरुवार को वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा और राज्यसभा में पेश की राज्यसभा शुरू होने के बाद भी विपक्षी सांसदों ने नारेबाज़ी की और उसके खिलाफ नारे लगाए।
रिपोर्ट पेश होने के बाद लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने नारेबाज़ी की, जिसके बाद सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया राज्यसभा शुरू होने के बाद भी विपक्षी सांसदों ने नारेबाज़ी की थी
संसद के बाहर पुहँचकर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा हमने जो भी असहमति नोट्स समिति को सौंपे थे, उनको रिपोर्ट से हटा दिया गया है हम लोगों ने जो क़ानूनी बिंदु बताए थे, उन पर भी विचार नहीं किया गया. हम लोग बात करेंगे हम स्पीकर के पास भी जाएंगे
दरअसल वक़्फ़ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले क़ानून में प्रस्तावित संशोधन विधेयक को लोकसभा में पहले ही पेश किया जा चुका है सरकार ने इसमें कई बदलावों की बात कही है. जेपीसी ने इस पर अपनी रिपोर्ट पेश की है
डीएमके सांसद मोहम्मद अब्दुल्लाह ने कहा,हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे शुरुआत से हमारा स्टैंड यही है. इसके अलावा एक और मुद्दा है. हमने समिति को असहमति नोट्स भी दिए थे. जेपीसी चेयरमैन द्वारा उन नोट्स का बड़ा हिस्सा हटा दिया गया है हम लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन से इस मामले में अपील करेंगे
राज्यसभा मेंमल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की जो रिपोर्ट है उस पर अनेक सदस्यों ने अपना असहमति नोट्स दिया है. वो नोट्स देने के बावजूद उसे हटा दिया गया है. मैं इस बात की निंदा करता हूं. ऐसी फ़र्ज़ी रिपोर्ट को हम कभी नहीं मानेंग सदन कभी नहीं मानेगा।
उन्होंने कहा, यह आरोप ग़लत हैं. जेपीसी ने पूरी प्रक्रिया के दौरान नियमों का पालन किया है. पिछले छह महीने में जेपीसी में शामिल सभी विपक्षी सदस्यों ने जेपीसी की हर कार्यवाही में हिस्सा लिया है. सारे असहमति नोट्स रिपोर्ट में अटैच किए गए हैं वे लोग सदन को गुमराह नहीं कर सकते हैं.
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