۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
जयपुर

हौज़ा / शिरकत करने वालों ने इस बिल को वापस लेने तक विरोध के सभी संवैधानिक तरीकों का उपयोग करने का संकल्प लिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,जयपुर। ज्वाइंट कमेटी तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ़, राजस्थान के संयोजक मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने बताया कि कुछ समय पूर्व भारत सरकार द्वारा वक़्फ़ संशोधन बिल 2024 पार्लियामेन्ट में प्रस्तुत किया गया जो कि वर्तमान में ज्वाइन्ट पार्लियामेन्ट्री कमेटी (जेपीसी) में विचाराधीन है।

इस बिल का पूरे देश में विरोध हो रहा है। यह बिल औक़ाफ़ की स्वायत्ता को समाप्त करने और वक़्फ़ जायदादो के संचालन व प्रबन्धन की आज़ादी को समाप्त करने तथा मुसलमानों को वक़्फ़ जायदादों से बेदख़ल करने की सज़िश है तथा संविधान की धारा 25 व 26 में दी गई धार्मिक स्वतन्त्रता की गारन्टी के ख़िलाफ़ है।

ज्वाइंट कमेटी तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ़ राजस्थान की ओर से इस बिल के विरोध और वक़्फ़ से सम्बंधित जन जागृति लाने के उद्देश्य से 10 नवम्बर 2024, रविवार शाम 5ः30 बजे तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ कॉन्फ्रेन्स का आयोजन मोती डूंगरी रोड पर किया गया। इस कॉन्फ्रेन्स को विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, उलेमा व नेताओं ने सम्बोधित किया।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी (उपाध्यक्ष, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व राष्ट्रीय अध्यक्ष, जमाअते इस्लामी हिन्द) ने वहां मौजूद सभी लोगों से हाथ उठाकर इस बिल में किसी भी तरह के संशोधन को बरदाश्त नहीं करने की बात की और वक्फ संशोधन बिल को नामंजूर करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि हम सबका इत्तेहाद ही हमारी ताकत है, अगर हम सब मिलकर मुकाबला करेंगे तो हर साजिश को नाकाम कर देंगे। उन्होंने कहा कि हमें 4 बातों पर अमल करना है, हमें सभी वक्फ प्रॉपर्टी और वक्फ बिल की की मालूमात हासिल करना है।

हमें हमारे हम वतन भाइयों को अच्छे अंदाज़ में बताएंगे कि वक्फ क्या है और वक्फ को लेकर जो गलत प्रोपेगंडा किया जा रहा है उसको सबके सामने बेनकाब करेंगे।

हम पॉलिटिकल पार्टीज, MLA, MP से मिलकर उन्हें अकाउंटेबल बनाएंगे।  AIMPLB और मिल्ली जमाते जब भी बुलाएंगी हमें अपनी पूरी ताकत के साथ उनका साथ देना है।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मौलाना फ़ज़लुर्रहीम मुजद्दिदी ( जनरल सक्रेट्री, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) ने कहा कि मैं जयपुर की हमारी मां और बहनों को इस बात की मुबारकबाद देता हूं कि उन्होंने CAA NRC के मुद्दे पर भी सड़कों पर आकर भारत का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन किया और आज भी बड़ी तादाद में आकर वक्फ बिल का विरोध जताया है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ मर्द ही नहीं शरीयत की हिफाजत के लिए हमारी औरतें भी किसी मामले में पीछे नहीं है। हम प्राइम मिनिस्टर से भी इस मुद्दे पर मुलाकात करके अपना दर्द उन्हें बताना चाहते हैं लेकिन वो हमसे मुलाकात भी नहीं करते हैं।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉक्टर ज़फ़र महमूद (चेयरमेन, ज़कात फ़ाउन्डेशन ऑफ़ इण्डिया) ने वक्फ संशोधन बिल की कमियों के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने करीब 150 घंटे इस बिल का गहराई से अध्ययन किया है और यह पाया है कि इससे मौजूदा बिल कमजोर हो जाएगा। यह बिल वक्फ जायदादों पर कब्जा करने के लिए लाया गया है।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मलिक मुअतसिम ख़ान (उपाध्यक्ष, जमाअते इस्लामी हिन्द) ने कहा कि आज जयपुर की जनता इतनी बड़ी संख्या में यहां इसलिए आई है कि यह वक्फ बिल लागू ना हो। सरकार को चाहिए कि वो इस बिल को संसद में पेश करने से अपने कदम पीछे हटाए।

आज़ादी के पहले से अब तक पिछले सौ सालों में वक्फ बिल में जो भी सुधार हुए हैं यह बिल उन सब सुधारों पर पानी फेरने वाला बिल है। इसलिए इस बिल का विरोध है। वक्फ एक्ट 1995 के सेक्शन 40 में राज्यों के वक्फ बोर्ड के के कामकाज में बारे में बताया गया है लेकिन इस नए बिल में उसको हटा दिया गया है जो कि उसकी रूह था।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद तहज़िबुल हसन रिज़वी (इमाम, शिया जामा मस्जिद, रांची, झारखंड) ने कहा कि वक्फ की प्रॉपर्टी ईश्वर प्रॉपर्टी कहलाती है।

हमारे पीएम का नारा सबका साथ सबका विकास है उसके खिलाफ वक्फ एक्ट के साथ छेड़छाड़ कर भेदभाव की राजनीति पैदा करना, यह देश के लिए नुकसानदेह है। हम चाहते हैं कि वक्फ ट्रिब्यून को जो दर्जा प्राप्त है वो बाकी रहना चाहिए। यह देश सद्भावना का देश है। सद्भावना से ही हमारे देश का भला हो सकता है।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉक्टर क़ासिम रसूल इलियास (स्पोक्स पर्सन, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) ने कहा कि मौजूदा हुकूमत मुसलमानों पर लगातार हमले कर रही है।

बुल्डोजर, मोबलिंचिंग आदि घटनाएं लगातार हो रही हैं। इसके साथ ही यूसीसी की शुरुआत उत्तराखंड से हो गई है जिसको अब पूरे देश में लागू करने की तैयारी है। मदरसों को भी लगातार टारगेट किया जा रहा है।

अब वक्फ बिल के जरिए से मदरसा, मस्जिद, ईदगाह, इमाम बारगाह आदि से भी मुसलमानों को बाहर करने की तैयारी की जा रही है। अब तक जितने भी वक्फ बिल में संशोधन हुए है सबने वक्फ एक्ट को मजबूत किया है और सभी संशोधन स्टेकहोल्डर से राय मशवरा कर के ही किए गए हैं।

लेकिन इस बार इस बिल को पेश करने से पहले मुसलमानों से कोई राय नहीं लीं गई है। जेपीसी सबसे राय ले रही है और अलग अलग स्टेट में जाकर लोगों से मिल रही है जो कि उसके दायरे से बाहर है, यह नहीं करना चाहिए।

आज मुसलमानों के वक्फ बिल पर हमला है कल सिख, ईसाई और हिन्दू धर्म स्थलों से जुड़ी प्रॉपर्टी और जमीन पर भी सरकार हमला करेगी। वक्फ की जमीन हमारी अपनी जमीन है जिसको लोगों ने दान किया है।

हमारे लिए वक्फ बिल जिंदगी और मौत का मसला है अगर सरकार ने इस बिल को वापस नहीं लिया तो हम सड़के, विधानसभा, लोकसभा जाम कर देंगे, विरोध के सभी संवैधानिक रास्ते अपनाएंगे लेकिन इस बिल को लागू नहीं होने देंगे।

कांफ्रेंस को मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी (मेम्बर ऑॅफ़ पर्लियामेन्ट, रामपुर, यूपी व जेपीसी मेम्बर), मोहम्मद इमरान मसूद (मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेन्ट, जेपीसी मेम्बर), मौलाना तौक़ीर रज़ा (अध्यक्ष, इत्तेहादे ए मिल्लत कॉउन्सिल) , सैयद सरवर चिश्ती (गद्दीनशीन, दरगाह शरीफ़, अजमेर),मौलाना मुहम्मद राशिद (प्रदेशाध्यक्ष, जमीअत उलमा ए हिन्द, राजस्थान), क़ारी मुहम्मद अमीन (प्रदेशाध्यक्ष, जमीअत उलमा ए हिन्द, राजस्थान), विधायक रफीक खान और विधायक अमीन कागजी ने भी संबोधित किया। तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ कॉन्फ्रेन्स में हजारों की संख्या में जयपुर और बाहर से आए हुए लोग मौजूद रहे, जिसमें महिलाओं ने भी बड़ी तादाद में शिरकत की।

इस अवसर पर ज्वाइंट कमेटी तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ़, राजस्थान के मेंबर मोहम्मद नाज़िमुद्दीन (कन्वीनर), शब्बीर ख़ान (राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम), हाफ़िज़ मन्ज़ूर अली (जमीअत उलैमा ए हिन्द), साजिद सहराई (वहदते इस्लामी हिन्द), डा. शहाबुद्दीन (एस. डी. पी. आई.), वक़ार अहमद (वेलफ़ेयर पार्टी ऑफ़ इण्डिया), एडवोकेट मुजाहिद नक़वी (मिल्ली कॉउन्सिल, राजस्थान),

एडवोकेट शाहिद हसन (सदस्य, राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड), मौलाना नाज़िश अकबर (इमाम शिया जामा मस्जिद), एडवोकेट सआदत अली (अध्यक्ष, ए. पी. सी. आर., राजस्थान), नईम क़ुरैशाी (अध्यक्ष, जमीअत क़ुरैश), इलियास क़ुरैशी (राजस्थान मुस्लिम फ़ौरम), शौकत क़ुरैशी (सचिव, राजस्थान मुस्लिम फ़ौरम),

इस्लाम कारपेट (मुस्लिम मुसाफ़िर ख़ाना), हाजी सईद (कायमख़ानी समाज), मुफ़्ती शफ़ीक़ अहमद (जमीअत उलैमा ए हिन्द),  मुफ़्ती अख़लाक़ अहमद (जमीअत उलैमा ए हिन्द), मुफ़्ती शहाबुद्दीन (जमीअत उलैमा ए हिन्द), मुफ़्ती ख़ालिद मिस्बाही (अहले सुन्नत वल जमाअत), पप्पु क़ुरैशी (समाज सेवा दल), नईम रब्बानी (राजस्थान मुस्लिम फ़ौरम), लतीफ़ आरको (मुस्लिम तैली महापंचायत), मौलाना अब्दुल हमीद (जमीअत उलैमा ए हिन्द), एडवोकेट सरवर आलम (राजस्थान मुस्लिम फ़ौरम), मौलाना अब्दुल रहीम नक़वी (जमीअत अहले हदीस) आदि कांफ्रेंस में मौजूद रहे।

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