हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,वक्फ़ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले क़ानून में प्रस्तावित संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया गया है. हालांकि, इससे पहले ही बिल की आलोचना शुरू हो गई थी प्रस्तावित बदलाव में क्या-क्या बदल जाएगा जानिए
यह कहा जा रहा है कि इस संशोधन के ज़रिए दान और परोपकार जैसी अवधारणाओं को कमज़ोर करने और अतिक्रमण करने वालों को संपत्ति का मालिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
वक़्फ़ क़ानून का नाम बदलकर 'एकीकृत वक्फ़ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम' कर दिया गया है जानकारों का मानना है कि प्रस्तावित संशोधन इस क़ानून के नाम से मेल नहीं खाते हैं।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित संशोधन विधेयक की कॉपी भी सभी सांसदों को बांट दी गई थी सरकार का दावा है कि ये संशोधन 'क़ानून में मौजूद ख़ामियों को दूर करने और वक्फ़ की संपत्तियों के प्रबंधन और संचालन' को बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी हैं।
वक्फ़ में ये रुचि इसके तहत आने वाली बड़ी संपत्तियों की ओर भी इशारा करती है वक्फ़ की 8.72 लाख संपत्तियां और 3.56 लाख जायदादें कुल 9.4 लाख एकड़ ज़मीन में फैली हुई हैं ।
रक्षा मंत्रालय और भारतीय रेलवे के बाद अगर सबसे अधिक संपत्तियां किसी के अधीन हैं तो वह वक्फ़ ही है. इन तीनों के पास देश में सबसे अधिक ज़मीनों का मालिकाना हक़ है।