हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, शेख़ अलअज़हर अहमद अलतैय्यब ने बहरैन इस्लामी इस्लामी संवाद सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ खतरनाक साजिशों जैसे ग़ाज़ा के निवासियों को जबरन विस्थापित करने और उनकी भूमि पर कब्ज़ा करने के प्रयासों की ओर इशारा किया।
उन्होंने मंशूर अहल-ए-क़िबला" या "इस्लामी भाईचारे का घोषणापत्र" शीर्षक से एक चार्टर या संविधान तैयार करने का प्रस्ताव रखा हैं।
शेख़ अलअज़हर अहमद अलतैय्यब ने कहा, अल्लाह ने इस्लामी और अरब उम्मत पर कृपा की है और उनके नेताओं व लोगों को एक गरिमापूर्ण और एकजुट रुख़ अपनाने के लिए इकट्ठा किया है एक ऐसा रुख़ जो पवित्र भूमि पर अत्याचार और पड़ोसी मुस्लिम देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करने को अस्वीकार करता है।
शेख़ अलअज़हर ने हदीस-ए-नबवी का हवाला देते हुए कहा,जो हमारी तरह नमाज़ पढ़े हमारे क़िब्ले की ओर रुख़ करे और हमारे ज़बीहा का सेवन करे वह मुस्लिम है जो अल्लाह और उसके रसूल की सुरक्षा में है इसलिए इस सुरक्षा को न तोड़ो।
उन्होंने इस घोषणापत्र को मुस्लिम समाज की एकजुटता आपसी विश्वास की पुनर्बहाली और इस्लामी एकता को पुनर्जीवित करने की एक रूपरेखा बताया।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह क़दम इस्लामी उम्मत के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा और इस्लामी समाजों के सामने मौजूद चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा।
आपकी टिप्पणी