हौज़ा न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मिन्हाज-उल-कुरान मूवमेंट के संस्थापक और संरक्षक-इन-चीफ डॉ. मुहम्मद ताहिरुल क़ादरी ने हज करने का सवाब प्राप्त करने वाले लाखों हाजीयो को बधाई देते हुए कहा कि हज एक आध्यात्मिक यात्रा है जो एक व्यक्ति को उसके निर्माता से जोड़ती है। हज सिर्फ शारीरिक मेहनत का नाम नहीं है, बल्कि यह दिल और दिमाग की पवित्रता, नीयत की शुद्धता और विनम्रता का प्रतीक है। दुनिया भर से लाखों मुसलमान एक ही लिबास में लब्बैक की आवाज के साथ सजदा करते हैं। हज इस्लामी भाईचारे और बहनचारे को बढ़ावा देने का एक जरिया है।
डॉ. ताहिरुल क़ादरी ने कहा कि आज हमें हज के संदेश को समझने और उसे अपने जीवन में अपनाने की जरूरत है। हमें सांप्रदायिकता, पक्षपात, नफरत और भेदभाव की सभी मूर्तियों को ध्वस्त करना होगा। उन्होंने कहा कि हज करना एक बड़ी नेमत है। हज की नेमत हासिल करने वाला मासूम बच्चे की तरह गुनाहों से पाक हो जाता है और अल्लाह तआला सच्चे दिल से हज करने वाले की हर दुआ कबूल करता है। हाजियों को इस्लामी राष्ट्र की एकता और एकजुटता तथा शांति और समृद्धि के लिए दुआ करनी चाहिए।
उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हज इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं में से एक है जो इस्लामी राष्ट्र की एकता और एकजुटता को दर्शाता है। हज मानवीय समानता का एक महान उदाहरण है। हज की रस्में निभाते समय कोई भी गोरा, काला, अमीर, गरीब, छोटा या बड़ा नहीं होता, सभी लोग विनम्रता और नम्रता के साथ अल्लाह के सामने सजदा करते हैं और उसकी रहमत की दुआ मांगते हैं। व्यावहारिक जीवन के हर कोने में यही सोच, चिंतन और दृष्टिकोण दिखना चाहिए।
आपकी टिप्पणी